कोलकाता. साइबर ठगों की तरह मोबाइल नंबर बदलकर और मोबाइल फोन पर आये ओटीपी का इस्तेमाल कर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनानवाले गिरोह के सक्रिय होने का खुलासा होने का बाद हाल ही में गौतम सरदार नामक एक आरोपी को कोलकाता पुलिस के एससीओ की टीम ने दक्षिण 24 परगना के गोसाबा से गिरफ्तार किया था. पंचायत के एक अस्थायी कर्मचारी गौतम ने जिस तरह गोसाबा के पठानकाली ग्राम पंचायत कार्यालय में बैठकर साइबर जालसाजों की तरह हजारों फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाये, उसे देखकर वरिष्ठ पुलिसकर्मी हैरान रह गये. आरोपी के गिरफ्तार होने के बाद पुलिस को आगे की जांच में गौतम सरदार के बैंक खाते में तीन करोड़ रुपये होने का पता चला है. आरोप है कि उसने महज साढ़े तीन हजार रुपये मासिक वेतन पर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाकर इतनी बड़ी रकम बैंक बैलेंस बना ली. कैसे कारगुजारी कर बनाये फर्जी जन्म प्रमाण पत्र : पुलिस सूत्र बताते हैं कि गौतम सरदार जैसे जालसाजों ने ग्राम पंचायत पोर्टल का इस्तेमाल किया, उस पोर्टल को इस्तेमाल करने के लिए एक खास पासवर्ड की जरूरत होती है. गौतम सरदार को रोजाना काम करने के दौरान उसे किसी तरह उस पासवर्ड की जानकारी हो गई. इससे उसका काम आसान हो गया. गौतम को पासवर्ड पता होने के बाद भी उसे दूसरी परेशानियों का सामना करना पड़ा, क्योंकि पंचायत प्रधान का मोबाइल नंबर पोर्टल से जुड़ा हुआ था. जन्म प्रमाण पत्र के लिए जरूरी ओटीपी पंचायत प्रधान के मोबाइल नंबर पर आना था. इससे गौतम सरदार के काम में बाधा आ रही थी, इसलिए वह एक पेशेवर साइबर ठग की तरह उस पोर्टल पर गया और खास तरीके से वहां पंचायत प्रधान की जगह अपना मोबाइल नंबर डाल दिया. नतीजतन, गौतम को सारे ओटीपी मिलने लगे. वह किसी भी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का आवेदन करता तो, उसका ओटीपी गौतम सरदार के पास आने लगता. नतीजतन, वह बेहद आसानी से अपनी मर्जी के मुताबिक जन्म प्रमाण पत्र बनाने लगा. वह हर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के लिए दो से ढाई हजार रुपये लेता था. पुलिस ने बताया कि उसने इस तरह से कम से कम 3,500 प्रमाण पत्र बनवाये हैं.शिकंजा कसने की तैयारी में जुटा प्रवर्तन निदेशालय सूत्रों के मुताबिक इतनी बड़ी रकम का पता लगने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भी जांच शुरू कर दी है. आरोप है कि आरोपी गौतम ने कम से कम साढ़े तीन हजार लोगों के नाम से फर्जी प्रमाण पत्र बनाए हैं. इस खुलासे के बाद लालबाजार की तरफ से अब फर्जी जन्म प्रमाण पत्र रद्द करने के लिए उक्त अधिकारियों को पत्र लिख रहा है. पुलिस ने बताया कि गोसाबा के पथंकाली ग्राम पंचायत क्षेत्र से ही 3500 फर्जी प्रमाण पत्र बनाये गये हैं. पुलिस ने इस संबंध में पंचायत के मुखिया व अन्य लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि उन्हें इस मामले में कुछ खास जानकारी नहीं है, हालांकि, पठानकाली के पंचायत मुखिया व पंचायत सदस्यों को पता चला कि पंचायत पोर्टल का इस्तेमाल कर फर्जी प्रमाण पत्र बनाये जा रहे हैं. इस खुलासे के बाद कोलकाता पुलिस की टीम ने जांच शुरू कर गौतम सरदार को ढूंढ़ निकाला. उसे गिरफ्तार करने के बाद एससीओ के जासूसों ने उससे पूछताछ की और कई जानकारियां हासिल कीं. पुलिस को पता चला कि सिर्फ दक्षिण 24 परगना में गोसाबा ही नहीं, बल्कि इसके अलावा हावड़ा के बासुदेवपुर समेत कई जगहों से ऐसे फर्जी प्रमाण पत्र बनाये गये हैं. इसलिए उन जगहों पर कुछ अन्य लोग भी हैं, जो इस गिरोह से जुड़े बताये जा रहे हैं. एससीओ की टीम उनकी भी पहचान करने की कोशिश कर रही है. इसके साथ पंचायत प्रधान को भी इस बारे में पत्र भेजने का फैसला लिया गया है.
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