सीमावर्ती क्षेत्रों में मतदाता सूची में नाम जोड़ने की होड़ पर शुभेंदु ने जतायी चिंता

विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने बांग्लादेश से सटे सीमावर्ती जिलों में मतदाता सूची में नाम जोड़ने की अचानक बढ़ी हुई दर पर चिंता जतायी है. सोमवार को अधिकारी ने फॉर्म-6 के आवेदनों में अप्रत्याशित वृद्धि को लेकर भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखकर मामले की जांच करने का आग्रह किया.

By BIJAY KUMAR | July 28, 2025 11:26 PM
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कोलकाता.

विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने बांग्लादेश से सटे सीमावर्ती जिलों में मतदाता सूची में नाम जोड़ने की अचानक बढ़ी हुई दर पर चिंता जतायी है. सोमवार को अधिकारी ने फॉर्म-6 के आवेदनों में अप्रत्याशित वृद्धि को लेकर भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखकर मामले की जांच करने का आग्रह किया. अधिकारी ने अपने पत्र में बताया कि पिछले सप्ताह इन सीमावर्ती जिलों से लगभग 70,000 फॉर्म-6 आवेदन जमा किये गये, जबकि सामान्य रूप से यह संख्या 20,000 से 25,000 के बीच रहती है. उन्होंने इस असामान्य वृद्धि को संदिग्ध बताया है. जिन सीमावर्ती जिलों में यह वृद्धि देखी गयी है, उनमें कूचबिहार, अलीपुरदुआर, जलपाईगुड़ी, मालदा, उत्तर दिनाजपुर, मुर्शिदाबाद, नदिया, उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना शामिल हैं. शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार द्वारा डोमिसाइल प्रमाणपत्र जारी किये जाने की खबरों के साथ यह अचानक वृद्धि एक सुनियोजित योजना का हिस्सा हो सकती है, जिसके माध्यम से रोहिंग्या मुसलमानों और बांग्लादेशी घुसपैठियों को वैध कर मतदाता सूची में शामिल किया जा रहा है. उन्होंने इसे अनैतिक और अवैध प्रयास करार दिया और कहा कि यह लोकतंत्र की नींव को कमजोर करता है. उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त से यह सुनिश्चित करने की मांग की है कि 25 जुलाई 2025 के बाद राज्य सरकार द्वारा जारी कोई भी डोमिसाइल प्रमाणपत्र विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान स्वीकार न किया जाये. शुभेंदु अधिकारी ने पत्र में लिखा है कि हमारे लोकतंत्र की पवित्रता की रक्षा की जानी चाहिए और उसे वोट बैंक की राजनीति के लिए कमजोर नहीं किया जा सकता. उन्होंने जिला निर्वाचन अधिकारियों को याद दिलाया कि उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना है और उनकी निष्ठा देश के प्रति है.
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