संवाददाता, कोलकाता
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला. उन्होंने सुश्री बनर्जी पर मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर और वक्फ संशोधन अधिनियम का विरोध करने का आरोप लगाया. श्री शाह ने कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में भाजपा की सांगठनिक बैठक को संबोधित करते हुए यह भी आरोप लगाया कि मुर्शिदाबाद में हाल में हुए दंगे ‘राज्य प्रायोजित’ थे.
श्री शाह ने कहा: मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने के लिए ममता दीदी ने ऑपरेशन सिंदूर का विरोध किया. ऐसा करके वह इस देश की माताओं और बहनों का अपमान कर रही हैं. कहा कि 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव में राज्य की माताएं और बहनें ऑपरेशन सिंदूर की आलोचना करने के लिए मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस को सबक सिखायेंगी. गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर ऑपरेशन सिंदूर का राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश करने का आरोप लगाया था. अप्रैल में मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा को लेकर श्री शाह ने दावा किया कि दंगों में तृणमूल कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता व मंत्री शामिल थे.
गृहमंत्री ने वक्फ संशोधन अधिनियम का विरोध करने के लिए भी सुश्री बनर्जी की आलोचना की. उन्होंने कहा: ममता बनर्जी तुष्टीकरण की राजनीति के लिए इस कानून के खिलाफ हैं.
पाकिस्तान में 100 किमी अंदर तक किया गया हमला
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत केंद्र सरकार ने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर पाकिस्तान में 100 किलोमीटर अंदर तक हमला किया. कई आतंकवादी मारे गये, लेकिन इससे ममता जी को परेशानी हो रही है. ऐसा करके आप न केवल अभियान का विरोध कर रही हैं, बल्कि हमारे देश की महिलाओं की भावनाओं का भी अनादर कर रही हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि कोलकाता के बाजारों में युवाओं की नौकरियां बेची जा रही हैं. तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के घरों से पार्टी का इतना पैसा जब्त किया गया है कि मशीनें भी नोट गिनते-गिनते थक गयीं. अब यह सब बंद होना चाहिए.घुसपैठ रोकने में बीएसएफ की ‘विफलता’ की तृणमूल की आलोचना का जवाब देते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार ने बीएसएफ को जरूरी जमीन नहीं दी है.
केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के नये भवन का उद्घाटन
कोलकाता. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को राजारहाट में केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) के नये भवन का उद्घाटन किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इससे पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में जटिल मामलों की जांच के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाने में मदद मिलेगी. श्री शाह ने कहा कि यह प्रयोगशाला सुरक्षित, पारदर्शी और साक्ष्य-आधारित आपराधिक न्याय प्रणाली बनाने के केंद्र सरकार के दीर्घकालिक प्रयासों की दिशा में मील का पत्थर है. उन्होंने कहा: यह अत्यंत संतुष्टि का क्षण है क्योंकि हम आधुनिक फॉरेंसिक एवं जांच संबंधी बुनियादी ढांचे की शृंखला में प्रत्येक कड़ी को मजबूत करना जारी रखे हुए हैं. यह प्रयोगशाला पश्चिम बंगाल व पूर्वोत्तर में आपराधिक न्याय प्रणाली को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान देगी.
नेताजी इंडोर स्टेडियम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भाषण के मुख्य बिंदु आपरेशन सिंदूर
श्री शाह बोले: मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने के लिए ममता दीदी ने ऑपरेशन सिंदूर का विरोध किया. ऐसा करके वह इस देश की माताओं और बहनों का अपमान कर रही हैं. आपने (ममता बनर्जी) सैन्य अभियान का विरोध नहीं किया, आपने करोड़ों माताओं-बहनों की जिंदगी से खेला है. मैं बंगाल की महिलाओं से अपील करने आया हूं कि वे आने वाले विधानसभा चुनाव में ऑपरेशन सिंदूर का विरोध करने वालों को सिंदूर की कीमत समझाएं.
मुर्शिदाबाद हिंसा
जिस तरह से तृणमूल कांग्रेस के एक मंत्री ने हिंसा भड़काई, उससे यह कहा जा सकता है कि मुर्शिदाबाद दंगे राज्य प्रायोजित थे. मुर्शिदाबाद दंगों के दौरान गृह मंत्रालय बीएसएफ की तैनाती पर जोर देता रहा, लेकिन तृणमूल सरकार ने ऐसा नहीं होने दिया, ताकि हिंसा जारी रहे. अगर बीएसएफ के जवान तैनात होते तो हिंदुओं की सुरक्षा होती. भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बाद ही आखिरकार बीएसएफ को भेजा गया.
घुसपैठ और भ्रष्टाचार
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा: आज ममता दीदी ने बंगाल की इस महान भूमि को घुसपैठ, भ्रष्टाचार, महिलाओं पर अत्याचार, अपराध, बम विस्फोट और हिंदुओं के साथ दुर्व्यवहार का केंद्र बना दिया है.बंगाल चुनाव न केवल राज्य का भविष्य तय करेगा, बल्कि यह देश की सुरक्षा से भी जुड़ा है. ममता बनर्जी ने बांग्लादेशियों के लिए बंगाल की सीमाएं खुली छोड़ दी हैं. उनके आशीर्वाद से घुसपैठ हो रही है. इसे केवल भाजपा सरकार ही रोक सकती है.
वक्फ (संशोधन) कानून
श्री शाह ने कहा कि ममता बनर्जी तुष्टीकरण की राजनीति के लिए वक्फ संशोधन अधिनियम का विरोध कर रही हैं. यह तुष्टीकरण की राजनीति है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है