अतिरिक्त फंड प्राप्त करने के लिए आयुष मंत्रालय की हुई आपात बैठक

आम तौर पर राज्य सरकारों द्वारा केंद्र पर आर्थिक वंचना का आरोप लगाया जाता है.

By SANDIP TIWARI | June 13, 2025 1:21 AM
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शिव कुमार राउत, कोलकाता

आम तौर पर राज्य सरकारों द्वारा केंद्र पर आर्थिक वंचना का आरोप लगाया जाता है. पर दुर्भाग्य देखिए केंद्र सरकार के अधीन आयुष मंत्रालय को ही पिछले 11 सालों से केंद्र की अनदेखी का शिकार होना पड़ रहा है. आयुष मंत्रालय का गठन मोदी सरकार के कार्यकाल में 2014 में किया गया था. लेकिन इसके बाद मानो सरकार अपने ही इस मंत्रालय को भूल गयी हो. क्योंकि, ‘आयुष’ भारत में पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों का एक संक्षिप्त रूप है.

आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, स्व रिग्पा और होम्योपैथी को आयुष चिकित्सा में शामिल किया गया है. देसी चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जोर दे रहे हैं. इसके बावजूद वित्त मंत्रालय के अधीन फाइनेंस कमीशन से आयुष को आर्थिक मदद नहीं मिल रही है. देश के विभिन्न आधारभूत ढांचे के विकास के लिए अतिरिक्त फंड आवंटित किये जाने के लिए फाइनेंस कमीशन का गठन किया गया है. देश में फिलहाल 15 वां फाइनेंस कमीशन लागू है. हर पांच साल के अंतराल पर फाइनेंस कमेटी की रिपोर्ट पर विभिन्न मंत्रालयों को बजट के अलावा अतिरिक्त फंड आवंटित करने के लिए फाइनेंस कमीशन का गठन किया जाता है. पर मंत्रालय के गठन के बाद 2014 से अब तक आयुष को फाइनेंस कमीशन से अतिरिक्त फंड नहीं मिला है.

प्रभात खबर के कोलकाता संस्करण में 9 जून को इस मुद्दे को विस्तृत जानकारी के साथ प्रकाशित किया था. इस खबर के प्रकाशन के बाद आयुष मंत्रालय को प्रभात खबर में प्रकाशित इस खबर के विषय में सूचना मिली. इसके बाद बुधवार को मंत्रालय की आपात बैठक हुई. केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव की अध्यक्षता में यह महत्वपूर्ण बैठक हुई. बैठक में 16 वें वित्त आयोग के साथ आयुष मंत्रालय के लिए वित्तीय समर्थन को बढ़ाने पर चर्चा हुई.

इस दौरान आयोग के अध्यक्ष एवं मंत्रालय के अन्य अधिकारियों ने आयुष प्रणालियों को अधिक सशक्त, सुलभ और प्रभावशाली बनाने के लिए मूल्यवान सुझाव साझा किये. इस बैठक की जानकारी आयुष मंत्रालय ने अपने फेसबुक पेज सह एक्स हैंडल पर भी साझा किया है. इस संबंध में आयुष मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि बैठक काफी सार्थक रही है. फाइनेंस कमीशन के चेयरमैन को विस्तृत जानकारी दी गयी है. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि भविष्य में आयुष मंत्रालय को भी फाइनेंस कमीशन से अतिरिक्त फंड मिलेगा.

ज्ञात हो कि 15 वां फाइनेंस कमीशन वित्त वर्ष 2021-22 में लागू हुआ है, जो 2026 तक चलेगा. वर्तमान में लागू फाइनेंस कमीशन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को 70,051 करोड़ धनराशि आवंटित की है. जो पूरे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर खर्च किये जा रहे हैं, पर आयुष मंत्रालय को फाइनेंस कमीशन से अतिरिक्त फंड नहीं मिल रहा है. यह जानकारी खुद केंद्र सरकार की ओर से दी गयी है. पश्चिम बंगाल के एक आयुर्वेदिक चिकित्सक पब्लिक ग्रीवांस सेल, प्रधानमंत्री कार्यालय, वित्त मंत्रालय, स्वास्थ्य व आयुष मंत्रालय से इस संबंध में जानकारी मांगी थी. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बताया गया कि आयुष को फाइनेंस कमीशन से अतिरिक्त फंड नहीं मिल रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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