बांग्लादेशी नागरिक के खिलाफ लगे और भी गंभीर आरोप

हाल ही में कोलकाता पुलिस के हाथों गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिक शांता पाल (28) के खिलाफ और भी गंभीर आरोप लगे हैं.

By SANDIP TIWARI | August 3, 2025 10:57 PM
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कोलकाता. हाल ही में कोलकाता पुलिस के हाथों गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिक शांता पाल (28) के खिलाफ और भी गंभीर आरोप लगे हैं. बांग्लादेशी पहचान छिपा कर ठाकुरपुकुर थाने में उसने धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करायी थी. शांता ने खुद को कोलकाता के गोल्फ ग्रीन थाना क्षेत्र के राजेंद्र प्रसाद कॉलोनी का निवासी बताते हुए एक फ्लैट की इंटीरियर्स के लिए सात लाख रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. शांता पाल का आरोप था कि न्यू अलीपुर में उसने एक फ्लैट खरीदा था और उसके इंटीरियर्स के लिए एक शख्स से संपर्क किया था. उसने अग्रिम भुगतान भी किया, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ. इसके बाद उसने ठाकुरपुकुर थाने में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करायी. शुरुआत में यह मामला सामान्य जीडी (जनरल डायरी) के तौर पर दर्ज हुआ, लेकिन बाद में शांता ने एफआइआर दर्ज करने की मांग की थी. शांता का आरोप था कि उसने 60 से 70 प्रतिशत राशि अदा करने के बावजूद इंटीरियर्स का काम नहीं शुरू किया गया. इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की और पाया कि न्यू अलीपुर का फ्लैट बंद पड़ा है. एक स्थानीय दुकानदार ने बताया कि करीब एक महीने पहले वहां कुछ समस्याएं हुई थीं, सोशल मीडिया में भी शांता ने निकाली थी भड़ास : शांता पाल ने जिस शख्स के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी, उसके बारे में सोशल मीडिया पर भी शिकायत की थी कि वह भारत और बांग्लादेश, दोनों देशों के पहचान पत्र रखता था. जब पुलिस ने शांता से पूछताछ की, तो पाया कि उसके पास भी भारत और बांगलादेश, दोनों देशों के पहचान पत्र हैं. शांता पाल के भारत में जाली पहचान बनाने और बांग्लादेशी होते हुए भी भारतीय नागरिक के रूप में रह कर आम लोगों में घुल-मिल जाने की प्रक्रिया ने जांचकर्ताओं को चौंका दिया. शांता ने पहले कभी अपनी असली पहचान नहीं बतायी थी और पुलिस के सामने भी उसने खुद को कोलकाता का स्थायी निवासी बताया था. पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और अब उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है. यह मामला यह साबित करता है कि कैसे बांग्लादेशी नागरिक भारत में अपनी असली पहचान छिपा कर सामान्य भारतीय नागरिक की तरह रह सकते हैं. शांता पाल पर आरोप है कि उसने भारत में फ्लैट खरीदा, धोखाधड़ी की और भारतीय पहचान पत्र बनवाकर पुलिस रिकॉर्ड में भी बांग्लादेशी पहचान छिपायी.

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