कोलकाता. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने बोलपुर शांतिनिकेतन के सोनाझुरी हाट में पर्यावरण प्रदूषण के संबंध में राज्य सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से रिपोर्ट मांगा है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य सरकार को अगले चार सप्ताह के भीतर इस मामले में अपना पक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है. यह मामला दर्ज कराने वाले पर्यावरणविद् सुभाष दत्ता का आरोप है कि शांतिनिकेतन के सोनाझुरी में पर्यावरण को लगातार प्रदूषित किया जा रहा है. सोनाझुरी में अब सप्ताह में एक दिन के बजाय प्रतिदिन बाजार लगता है और सप्ताह के अंत में यहां भीड़ और बढ़ जाती है. इसकी वजह से धुएं और धूल से पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है. उन्होंने कहा कि शांतिनिकेतन की प्राकृतिक सुंदरता को दिन-प्रतिदिन नष्ट किया जा रहा है, जिसके खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई है. उन्होंने आरोप लगाया है कि सोनाझुरी हाट में प्रतिदिन करीब तीन से चार हजार व्यापारी अपनी दुकानें लगाते हैं. यहां पर्यटकों का लगातार आना-जाना लगा रहता है. इस बीच, क्षेत्र में होटल, रेस्तरां और गेस्टहाउस बनाये गये हैं. सुभाष दत्ता ने कहा कि वन विभाग के नियमों के अनुसार इस तरह से वन क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियां नहीं की जा सकतीं. सोनाझुरी वन क्षेत्र शांतिनिकेतन का एक प्राकृतिक वन क्षेत्र है और इसे प्राकृतिक धरोहरों में से एक माना जाता है. इस जगह का नाम सोनाझुरी पेड़ों के कारण पड़ा है. कहीं पेड़ों की जड़ें कंक्रीट से घिरी हुई हैं, तो कहीं शराब की बोतलें या पानी की बोतलें रखी हुई हैं. इसकी वजह से पेड़ नहीं बढ़ रहे हैं. कई पेड़ उखड़ गये हैं तो कहीं सोनाझुरी के पेड़ों को बहुत नुकसान पहुंचा है. उन्होंने इस मामले में आवेदन के साथ अदालत में ऐसी कई तस्वीरें भी पेश की हैं. अब इस मामले में एनजीटी ने राज्य सरकार व प्रदूषण नियंत्रण पर्षद से चार सप्ताह के अंदर रिपोर्ट तलब की है.
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