दीघा में जगन्नाथ मंदिर के नाम पर ओडिशा सरकार ने जतायी आपत्ति

पश्चिम बंगाल सरकार के दीघा मंदिर विवाद के बीच ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) से मामले की जांच करने को कहा. मीडिया रिपोर्ट में यह बात सामने आयी थी कि पुरी जगन्नाथ मंदिर के सेवक दीघा मंदिर के समारोह में शामिल हुए थे. उन्होंने मूर्तियां बनाने के लिए मंदिर को 2015 के नवकलेवर से बची नीम की लकड़ी दी.

By BIJAY KUMAR | May 3, 2025 10:46 PM
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कोलकाता/भुवनेश्वर.

पश्चिम बंगाल सरकार के दीघा मंदिर विवाद के बीच ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) से मामले की जांच करने को कहा. मीडिया रिपोर्ट में यह बात सामने आयी थी कि पुरी जगन्नाथ मंदिर के सेवक दीघा मंदिर के समारोह में शामिल हुए थे. उन्होंने मूर्तियां बनाने के लिए मंदिर को 2015 के नवकलेवर से बची नीम की लकड़ी दी. नवकलेवर हर 12 या 19 साल में होने वाला अनुष्ठान है. इसमें पुरी के मंदिर में भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ की लकड़ी की मूर्तियां बदली जाती हैं.

गौरतलब है कि दीघा मंदिर के लिए मूर्तियां पुरी से गयीं दीघा मंदिर को लकड़ी देने का आरोप सेवकों के एक समूह दैतापति निजोग के सचिव रामकृष्ण दासमोहपात्रा पर लगा है. हालांकि, पुरी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दासमोहपात्रा ने कहा : मैंने कभी नहीं कहा कि पुरी मंदिर की लकड़ी का इस्तेमाल दीघा में मूर्ति बनाने के लिए किया गया.

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