मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर बंगाल के जिलों के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को रणनीतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र में सीमा पार से होने वाले खतरों के प्रति सतर्क रहने का निर्देश दिया.
By AKHILESH KUMAR SINGH | May 22, 2025 1:06 AM
सीएम ने कहा- नेपाल, भूटान व बांग्लादेश के साथ सीमा साझा करने वाला क्षेत्र अत्यधिक संवेदनशील
संवाददाता, कोलकातामुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर बंगाल के जिलों के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को रणनीतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र में सीमा पार से होने वाले खतरों के प्रति सतर्क रहने का निर्देश दिया. उत्तर बंगाल की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान बुधवार को सिलीगुड़ी के ‘उत्तर कन्या’(मिनी सचिवालय) में एक उच्चस्तरीय प्रशासनिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि नेपाल, भूटान और बांग्लादेश के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करने वाला यह क्षेत्र ‘अत्यधिक संवेदनशील’ है. उन्होंने पुलिस और प्रशासन को खासकर राष्ट्र विरोधी तत्वों की किसी भी तरह की घुसपैठ की कोशिश को रोकने के लिए गश्त तेज करने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि भले ही सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) तैनात है, लेकिन राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों को भी सतर्क रहना चाहिए. उन्होंने अधिकारियों को गलत सूचना और फर्जी खबरों के प्रसार के खिलाफ भी आगाह किया और कहा कि किसी भी संकट के दौरान अद्यतन जानकारी केवल सरकार के माध्यम से ही प्रसारित की जानी चाहिए.
भारी बारिश के कारण संभावित बाढ़ को लेकर मुख्यमंत्री ने सतर्क रहने की दी हिदायत
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से भारी बारिश के कारण संभावित बाढ़ के मद्देनजर भी सतर्क रहने को कहा. सुश्री बनर्जी ने यह भी कहा कि पड़ोसी सिक्किम और भूटान में भारी बारिश के कारण अक्सर राज्य के उत्तरी जिलों में बाढ़ आ जाती है. इसलिए हमें पहले से ही तैयारी रखनी होगी, ताकि किसी प्रकार की परेशानी न हो. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने स्थिति से बेहतर तरीके से निपटने के वास्ते संयुक्त जल प्रबंधन तंत्र के लिए केंद्र से भूटान के साथ समन्वय करने का अनुरोध किया है.सुश्री बनर्जी ने पूर्वोत्तर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले ‘चिकन नेक’ गलियारे के रणनीतिक महत्व को रेखांकित किया. ‘चिकन नेक’ गलियारा को ‘सिलीगुड़ी गलियारा’ भी कहा जाता है जो पूर्वोत्तर भारत के सात राज्यों को शेष भारत से जोड़ता है. इसे ‘चिकन नेक’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह मुर्गी की गर्दन की तरह संकरा है. उन्होंने उत्तर बंगाल में विकास गतिविधियों और लंबित परियोजनाओं में तेजी लाने के बारे में भी बात की.
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