पिछले वर्ष प्रशासनिक बैठक में मुख्यमंत्री ने जलभराव पर जतायी थी कड़ी नाराजगी
संवाददाता, हावड़ा.
पिछले तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश ने हावड़ा के लोगों को एक बार फिर जल-जमाव की समस्या से जूझने पर मजबूर कर दिया है. हावड़ा नगर निगम के कुल 50 वार्डों में से 20 से ज्यादा वार्ड पानी में डूब गये. यह स्थिति तब है जब पिछले साल नबान्न में हुई प्रशासनिक बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद खराब निकासी व्यवस्था पर नाराजगी जतायी थी. उन्होंने कहा था कि निकासी व्यवस्था सुधारने के लिए निगम को करोड़ों रुपये दिये गये हैं, लेकिन इसके बावजूद कोई खास सुधार नहीं हुआ है.
वहीं, निगम ने जल-जमाव के लिए हुगली नदी का जलस्तर बढ़ने और ज्वार-भाटे को जिम्मेदार ठहराया है. निगम के प्रशासनिक बोर्ड के चेयरमैन डॉ सुजय चक्रवर्ती ने कहा कि हुगली नदी का जलस्तर कम होने तक कुछ इलाकों में जल-जमाव की स्थिति बनी रहेगी. हालांकि, उन इलाकों से पानी निकालने के लिए पंप लगाये गये हैं. बारिश के कारण उत्तरी हावड़ा का पूरा सलकिया इलाका, मध्य हावड़ा में इच्छापुर मोड़, डुमुरजला एचआइटी हाउसिंग, शैलेन मन्ना सरणी, बेलिलियस रोड, बेलिलियस लेन और पंचान्नतला रोड के आसपास घुटनों तक पानी जमा था. सबसे खराब स्थिति कोना एक्सप्रेस-वे के सांतरागाछी इलाके की थी, जहां सांतरागाछी अंडरपास में तीन फीट तक पानी भर गया था. डॉ चक्रवर्ती ने कहा कि हावड़ा शहर की भौगोलिक स्थिति कोलकाता से अलग है. कोलकाता शहर हुगली नदी के ढलान पर है, जबकि हावड़ा में यह विपरीत है. इसके बावजूद पंप के जरिये पानी निकाला जाता है. उन्होंने दावा किया कि बारिश से पहले नालों की सफाई की गयी थी और निकासी व्यवस्था में पहले से काफी सुधार हुआ है. उनका कहना है कि आने वाले दिनों में स्थिति और बेहतर होगी.
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