ओबीसी की नयी सूची पर रोक के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका पर 28 जुलाई को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

इससे पहले मई 2024 में उच्च न्यायालय द्वारा ओबीसी सूची में 77 समुदायों को शामिल करने के फैसले को रद्द करने के बाद राज्य ने नयी सूची तैयार की.

By SANJAY KUMAR SINGH | July 25, 2025 1:41 AM
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हाइकोर्ट ने राज्य सरकार की नयी ओबीसी सूची पर लगा दी है रोकउच्च न्यायालय के फैसले को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी है चुनौती

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सहमति जतायी कि वह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की नयी सूची पर रोक से संबंधित कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर 28 जुलाई को सुनवाई करेगा. सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने राज्य की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल द्वारा मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध करने के बाद मामले की सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की. कपिल सिब्बल ने कहा कि नयी सूची को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की गयी थी, जिसमें राज्य को कानून बनाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था, जो पिछले फैसलों के विपरीत है. प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई ने बताया कि 1992 के इंदिरा साहनी फैसले (जिसे मंडल आयोग का फैसला भी कहा जाता है) से ही यह माना जाता है कि कार्यपालिका ओबीसी की पहचान कर सकती है. कपिल सिब्बल ने कहा कि इस संबंध में उच्च न्यायालय में एक अवमानना याचिका दायर की गयी है. उन्होंने कार्यवाही पर रोक लगाने का आग्रह करते हुए कहा कि ऐसी कोई अवमानना नहीं की गयी है. राज्य सरकार ने नयी ओबीसी सूची पर रोक लगाने वाले 17 जून के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी. गौरतलब है कि इससे पहले मई 2024 में उच्च न्यायालय द्वारा ओबीसी सूची में 77 समुदायों को शामिल करने के फैसले को रद्द करने के बाद राज्य ने नयी सूची तैयार की. राज्य सरकार ने एक अलग याचिका में मई के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी और बाद में उच्च न्यायालय के समक्ष कहा कि वह ओबीसी की पहचान के लिए नये सिरे से प्रक्रिया शुरू करेगी. उच्च न्यायालय ने नयी ओबीसी सूची पर रोक लगाते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया राज्य उन्हीं ओबीसी वर्गों को फिर से शामिल करने का प्रयास कर रहा है जिन्हें उसने पहले रद्द कर दिया था.

हाइकोर्ट ने नयी ओबीसी सूची पर रोक की अवधि बढ़ाई

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