कोलकाता. पश्चिम बंगाल राज्य पुलिस व कोलकाता पुलिस के डॉग स्क्वाड के हैंडलर पुलिस कर्मियों को अक्सर ड्यूटी के दौरान अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ती है. कहीं से भी हमले की कोई घटना की सूचना मिलने पर पुलिस के जवान खोजी प्रशिक्षित कुत्तों के साथ घटनास्थल पर पहुंचते हैं. हालांकि, काम की जोखिम भरी प्रकृति के बावजूद इस विभाग के पुलिसकर्मियों को ””जोखिम भत्ता”” नहीं मिलता है. इस बार पुलिस निदेशालय ने डॉग स्क्वाड में शामिल पुलिसकर्मियों के लिए जोखिम भत्ता शुरू करने की पहल की है. इस आशय का एक प्रस्ताव राज्य सचिवालय नबान्न भवन भेजा गया है. राज्य सचिवालय के सूत्रों के अनुसार इस संबंध में प्रशासनिक स्तर पर चर्चा शुरू हो गयी है. दूसरी ओर, पुलिस निदेशालय की ओर से राज्य में एक स्थायी डॉग हैंडलिंग स्क्वाड का गठन करने का भी प्रस्ताव भेजा गया है. आमतौर पर इस विभाग के पुलिसकर्मी वीआइपी ड्यूटी से लेकर किसी बड़े नेता या मंत्री के आगमन से पहले डॉग स्क्वाड के साथ आयोजन स्थल की जांच करते हैं. इसके अलावा विस्फोट या हमले की घटना की जांच के दौरान यह टीम सबसे पहले वहां पहुंचती है. इसलिए पुलिस कल्याण समिति का मानना है कि इस विभाग के पुलिसकर्मियों का काम जोखिमभरा है. इसके बाद समिति ने उन्हें जोखिम भत्ते के अंतर्गत शामिल करने का प्रस्ताव रखा है. ऐसे जोखिम भरे काम में शामिल अन्य इकाइयों के कर्मचारियों को 18 प्रतिशत भत्ता मिलता है, जो इन कर्मियों को नहीं मिलता, जिसकी मांग के लिए राज्य सरकार के समक्ष आवेदन किया गया है. जानकारी के अनुसार, इस मुद्दे पर गृह विभाग के अधिकारियों ने वित्त विभाग के अधिकारियों से बातचीत की है, जल्द ही इस संबंध में औपचारिक रूप में घोषणा की जायेगी.
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