कोलकाता. राजस्थान में हिरासत में लिये गये बंगाली प्रवासी कामगारों को आखिरकार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हस्तक्षेप के बाद रिहा कर दिया गया. मंगलवार को हिरासत में लिए गये एक प्रवासी कामगार ने बुधवार सुबह राजस्थान से इसकी जानकारी दी. प्रवासी मजदूर ऐनुल हक ने बुधवार सुबह बताया : राज्य सरकार द्वारा राजस्थान सरकार से बात करने के बाद मंगलवार दोपहर को रिहा कर दिया गया. हम सभी बुधवार सुबह अपने-अपने काम पर वापस आ गये. इसके लिए हम सभी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का आभार व्यक्त करते हैं. प्रवासी मजदूर ने कहा कि फिलहाल उनके पश्चिम बंगाल लौटने की कोई संभावना नहीं है. हालांकि, उन्होंने इटाहार में अपने परिवार के सदस्यों से बात की है. प्रवासी मजदूर ने बताया कि असम के करीब 200 बांग्ला भाषी मजदूर बंगाल के 200 मजदूरों के साथ थे. उन्हें भी रिहा कर दिया गया है. मंगलवार को मुख्यमंत्री ने यह मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा था : मुझे नहीं पता कि प्रधानमंत्री को इस मामले के बारे में पता है या नहीं, लेकिन उनकी पार्टी की सरकार ऐसा कर रही है. मुख्यमंत्री ममता ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था : क्या बंगाली बोलना अपराध है? विधानसभा में इसकी जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव मनोज पंत को बुलाकर बात की थी.
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