कोलकाता मेडिकल कॉलेज के वामपंथी छात्र संगठनों में दरार

कोलकाता मेडिकल कॉलेज में वामपंथी छात्र संगठनों में दरार पड़ती दिख रही है.

By SUBODH KUMAR SINGH | July 13, 2025 1:19 AM
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प्रकोष्ठ पर यौन उत्पीड़न का मामला दबाने का आरोप

संवाददाता, कोलकाता.

कोलकाता मेडिकल कॉलेज में वामपंथी छात्र संगठनों में दरार पड़ती दिख रही है. बताया जा रहा है कि वामपंथी छात्र संगठन यौन उत्पीड़न के आरोपों को दबाने की कोशिश कर रहे हैं. कोलकाता मेडिकल कॉलेज के चयनित छात्र संगठन के ””””अभया प्रकोष्ठ”””” को लेकर ऐसे आरोप लगाये गये हैं. इसके गठन के दो महीने भी नहीं हुए हैं, इसी बीच अंदरूनी कलह उजागर हो गयी. प्रकोष्ठ का गठन गत दाे जून को हुआ था. 20 सीटों में से 17 पर डीएसए, एक पर डीएसओ और दो पर दो निर्दलीय उम्मीदवारों ने नामांकन किया था. महज एक महीने नौ दिन बाद डीएसओ द्वारा मनोनीत सदस्य शिवम मंडल ने छात्र परिषद का संचालन करने वाले अभय प्रकोष्ठ से इस्तीफा दे दिया.

क्या है मामला : गौरतलब है कि पिछले साल आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर महिला डॉक्टर की रेप व हत्या की घटना के बाद वामपंथी छात्र संगठनों द्वारा अभया प्रकोष्ठ का गठन किया था. उस समय कहा गया था कि अगर किसी छात्रा का शारीरिक उत्पीड़न होता है, तो वह अभया प्रकोष्ठ में शिकायत कर सकती है. प्रकोष्ठ शिकायत को आंतरिक शिकायत समिति को भेजेगा. लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं हो रहा. आरोप है कि हाल में ही कोलकाता मेडिकल कॉलेज में एक छात्रा ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. शिकायत मिलने के बाद कॉलेज प्रबंधन को सूचित किये बगैर अभया प्रकोष्ठ ने अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी. आरोप है कि प्रकोष्ठ मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है. इस मामले में वह सीधे पीड़ित व आरोपी से पूछताछ कर रहा है. आरोप यह भी है कि पीड़िता को डराया-धमकाया भी जा रहा है. उधर, अपने त्यागपत्र में शिवम मंडल ने लिखा : शुरू से ही मेरा मानना था कि यह प्रकोष्ठ छात्रों के बीच संपर्क सूत्र का काम करेगा. किसी भी शिकायत की त्वरित और निष्पक्ष जांच करेगा. दोषी को उचित दंड दिया जायेगा. पर हाल ही में जब अभया प्रकोष्ठ में शिकायत दर्ज करायी गयी, तो आंतरिक शिकायत समिति के पास जाने के बजाय, प्रकोष्ठ के सदस्य शिकायतकर्ता और आरोपी को बुलाकर बयान ले रहे थे. वे वीडियो रिकॉर्डिंग भी कर रहे हैं. मामले को अनुचित मानते हुए ही शिवम मंडल ने प्रकोष्ठ से इस्तीफा दे दिया.

जांच कमेटी का गठन : कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो डॉ इंद्रनील विश्वास ने कहा कि प्रबंधन को यौन उत्पीड़न की शिकायत नहीं मिली है. इस तरह की घटना की जांच के लिए कॉलेज में इंटरनल कमेटी है. इस मामले में हमें बायपास किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि यौन उत्पीड़न मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित की गयी है. कमेटी में डीन ऑफ स्टूडेंट और अस्पताल अधीक्षक को भी शामिल किया गया है.

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