कचरे से पटा शहर, दुर्गंध से नागरिकों का जीना मुहाल
प्रतिनिधि, हुगली.
उत्तरपाड़ा कोतरंग नगरपालिका के संविदा सफाई कर्मचारियों की इएसआइ, पीएफ और वेतन वृद्धि की मांग को लेकर हड़ताल सोमवार को चौथे दिन भी जारी रही. इसके चलते पूरे शहर में कचरे के ढेर लग गये हैं, जिससे दुर्गंध फैल रही है और नागरिकों का जीना मुश्किल हो गया है. वार्ड-20 स्थित भगार मोड़ की रिसाइकल यूनिट के सामने कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है. कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें वर्षों से एक ही दर पर मजदूरी मिल रही है और उनके पास इएसआइ, पीएफ जैसी सामाजिक सुरक्षा भी उपलब्ध नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि थोड़ी देर से काम पर पहुंचने पर उनकी मजदूरी काट ली जाती है और दुर्घटना होने पर ठेकेदार कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है. कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे काम पर नहीं लौटेंगे.
हड़ताल के कारण शहर की सड़कें कचरे से पट गयी हैं और जगह-जगह कूड़े के ढेर बन गये हैं, जिससे राहगीरों को भारी परेशानी हो रही है. गर्मी के मौसम में इस गंदगी से बीमारियां फैलने का खतरा भी बढ़ गया है, जिससे आम नागरिक काफी नाराज हैं. नगरपालिका के पीडब्ल्यूडी विभाग के चेयरमैन इन काउंसिल इंद्रजीत घोष ने इस मामले पर कहा कि ठेकेदार और श्रमिकों के बीच कुछ समस्या हुई है. नगरपालिका को बिना जानकारी दिये काम बंद करना दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे आम जनता को असुविधा हो रही है. उन्होंने बताया कि ठेकेदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और जल्द ही समाधान के लिए कदम उठाये जा रहे हैं.
वहीं, भाजपा के श्रीरामपुर संगठन जिला कमेटी के सदस्य पंकज राय ने नगरपालिका पर निशाना साधते हुए कहा कि वह जापान और दिल्ली से पुरस्कार तो ला रही है, लेकिन नागरिकों को बुनियादी सेवाएं भी नहीं मिल पा रही हैं. उन्होंने सवाल किया कि क्या नगरपालिका को ठेकेदार को किये जा रहे भुगतान की जानकारी नहीं है और मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी की मांग पर वह चुप क्यों बैठी है. स्थानीय नागरिकों ने नगरपालिका की उदासीनता पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि वे नियमित रूप से टैक्स भर रहे हैं, लेकिन नगरपालिका अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रही है. उन्होंने नगरपालिका के चेयरमैन दिलीप यादव से तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है. नागरिकों का कहना है कि भीषण गर्मी में गंदगी के कारण गंभीर बीमारियां फैल सकती हैं और यह हड़ताल उनके लिए जानलेवा साबित हो सकती है.
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