”सारेगामापा’ विजेता सौरभ सरकार भी पहलगाम में फंसे

कोन्नगर निवासी और वर्ष 2007 के ‘सारेगामापा’ विजेता सौरभ सरकार कश्मीर यात्रा के दौरान आतंकवादी हमले की चपेट में आने से बाल-बाल बच गये.

By SANDIP TIWARI | April 23, 2025 11:48 PM
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हुगली. कोन्नगर निवासी और वर्ष 2007 के ‘सारेगामापा’ विजेता सौरभ सरकार कश्मीर यात्रा के दौरान आतंकवादी हमले की चपेट में आने से बाल-बाल बच गये. पत्नी के साथ हनीमून मनाने गये सौरभ एक टूर ग्रुप के साथ कश्मीर घूम रहे थे. सोमवार को उनका कार्यक्रम था पहलगाम से ””मिनी स्विट्ज़रलैंड”” जाना, लेकिन उन्होंने ऐन मौके पर योजना बदलकर डल झील में शिकारा सैर का निर्णय लिया. सौरभ ने बताया कि वह जैसे ही शिकारा पर बैठे, तभी खबर आयी कि पहलगाम में आतंकियों ने फायरिंग की है. यह सुनकर वे स्तब्ध रह गये. सैनिकों की चहल-पहल के बीच वह तुरंत होटल लौट आये. फिलहाल वह होटल के कमरे में ही कैद हैं और लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. अब एक आतंक का साया छाया हुआ है. उन्हें लग रहा है कि कभी भी आतंकी उनके होटल में प्रवेश कर उनका भी सफाया कर सकते हैं. घर पर कोन्ननगर में उनकी वृद्ध मां सुपर्णा सरकार बेटे की सलामती की दुआ कर रही हैं. मां ने बताया कि शादी के बाद यह पहला मौका है, जब बेटा-बहू कश्मीर घूमने गये हैं. कल यानी बुधवार को दोनों की ट्रेन से घर लौटने की योजना है, लेकिन जब तक वे सकुशल वापस नहीं आ जाते, मां की चिंता कम नहीं हो रही है. …और बारासात के एक परिवार की बची जान बारासात. पहलगाम में हुए आतंकी हमले में उत्तर 24 परगना के बारासात के नवाबपली निवासी एक परिवार की जान बच गयी. पहलगाम के वैसरन में घूमने गये पर्यटकों में बारासात के नवाबपल्ली से एक परिवार के पति-पत्नी और उनके दोस्त कुल चार पर्यटक घूमने गये थे. जब घटना हुई थी, तब वे घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर थे. दो मिनट के अंतराल में ही उन चारों की जान बच गयी. वे लोग उस घाटी में घटनास्थल से कुछ दूर ही थे, तभी कुछ लोगों ने जोर जोर से आवाज लगायी कि गोली चल रही है, उनसे कुछ ही दूरी पर मौजूद पर्यटकों की चीख-पुकार सुनकर ये सभी वहां से भाग निकले. जानकारी के मुताबिक नवाबपल्ली की निवासी नवनीत भट्टाचार्य बागची व उनके पति शांतनु बागची समेत उनके मित्र अर्पिता भट्टाचार्य और उनके पति एस भट्टाचार्य कश्मीर घूमने गये थे. नवनीत के पुत्र अनुभव बागची ने बताया कि वे लोग वहां सही सलामत हैं, लेकिन वे लोग कश्मीर में ही हैं. उनके जल्द लौटने का इंतजार कर रहे हैं.

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