हाइकोर्ट ने दोषियों के खिलाफ फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं करने की बात कही
कहा : भविष्य में इस प्रकार की घटना होने पर नये मामले में इस मामले को जोड़ कर की जायेगी कार्रवाई
संवाददाता, कोलकाता.
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने उत्तर 24 परगना के बनगांव अदालत में एक न्यायाधीश के साथ दुर्व्यवहार मामले का स्वत: संज्ञान लिया था और गुरुवार को हाइकोर्ट की खंडपीठ में मामले की सुनवाई के दौरान घटना में शामिल सात वकीलों को दोषी करार दिया गया. लेकिन हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति देबांग्शु बसाक और न्यायमूर्ति मोहम्मद शब्बर रशीदी की खंडपीठ ने कहा कि फिलहाल उन वकीलों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जायेगी.
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि अगर भविष्य में ऐसी कोई घटना होती है, तो नये मामले के साथ इस मामले को जोड़कर इन सात वकीलों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जायेगी और स्वयं हाइकोर्ट प्रशासन यह व्यवस्था करेगा. गौरतलब है कि पिछले साल अप्रैल में, बनगांव अदालत में न्यायाधीश सोमा चक्रवर्ती का कोर्ट रूम में वकीलों के साथ विवाद हो गया था. यह विवाद अदालत के एक लॉ क्लर्क की मौत से शुरू हुआ था. लॉ क्लर्क की मृत्यु के बाद अदालत के अन्य लॉ क्लर्क और वकीलों ने हड़ताल का आह्वान किया था. लेकिन न्यायाधीश सोमा चक्रवर्ती ने फास्ट ट्रैक सेकेंड कोर्ट में मामलाें की सुनवाई जारी रखी. इसके बाद वकील न्यायाधीश सोमा चक्रवर्ती की अदालत में आकर शोर मचाने लगे और उनके साथ दुर्व्यवहार किया.
इससे न्यायाधीश सोमा चक्रवर्ती अदालत में ही बीमार पड़ गयीं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. हाइकोर्ट ने इस घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई शुरू की थी, जिसमें गुरुवार को सात वकीलों को दोषी करार दिया गया.
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