बजबज में घायल भाजपा कार्यकर्ता से मिलने पहुंचे केंद्रीय मंत्री पर फेंके गये जूते-चप्पल

दक्षिण 24 परगना जिले के बजबज में गुरुवार को घायल भाजपा कार्यकर्ता से मिलने पहुंचे केंद्रीय मंत्री व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार पर जूते फेंकने का मामला सामने आया है

By SUBODH KUMAR SINGH | June 20, 2025 1:25 AM
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केंद्रीय मंत्री ने कहा : गृह मंत्रालय को घटना के बारे में देंगे रिपोर्ट

कहा : तृणमूल नेताओं के इशारे पर हुआ हमला

संवाददाता, कोलकाता.

दक्षिण 24 परगना जिले के बजबज में गुरुवार को घायल भाजपा कार्यकर्ता से मिलने पहुंचे केंद्रीय मंत्री व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार पर जूते फेंकने का मामला सामने आया है. सिर्फ यही नहीं, सुकांत मजूमदार के वहां पहुंचने के बाद उनके खिलाफ चोर-चोर के नारे भी लगाये गये. इस पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री मजूमदार ने कहा कि पूरे विरोध-प्रदर्शन के पीछे टीएमसी कार्यकर्ता शामिल थे. सब जिहादी और बांग्लादेशी थे. उन्होंने कहा कि वह इस घटना की जानकारी गृह मंत्रालय को देंगे. सुकांत मजूमदार ने कहा कि वह बजबज में भाजपा के घायल कार्यकर्ता से मुलाकात करने के लिए गये थे. इस दौरान तृणमूल कार्यकर्ताओं ने उन पर पत्थर और जूते फेंके. उन्होंने लोकतंत्र को नष्ट करने के लिए ऐसी हरकतें की. प्रदर्शन करने वाले ज्यादातर लोग बांग्लादेशी थे जो यहां गुंडागर्दी कर रहे हैं. इनके पूर्वज यहां के नहीं थे. ये सब जिहादी हैं. इस घटना के बाद इलाके में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी. पुलिसकर्मियों ने किसी तरह सुकांत व उनके काफिले को प्रदर्शनकारियों के बीच से निकाला.

वहीं, राज्य पुलिस पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कटाक्ष करते हुए कहा कि यहां की पुलिस प्रदर्शनकारियों की बजाय अपनी लाठियों से जमीन पर प्रहार कर रही थी. असली प्रदर्शनकारियों को एक भी डंडा नहीं लगा, क्योंकि डायमंड हार्बर में ‘भाईपो-मॉडल’ काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने कुछ दिन पहले हमारे कार्यकर्ताओं पर हमला किया था, उनके खिलाफ पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है और वह अपने घायल कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए इलाके में गये थे तो उन पर भी पूर्व नियोजित साजिश के तहत हमला किया गया. श्री मजूमदार ने कहा कि प्रशासन द्वारा ड्यूटी पर भेजे गये लोग केवल कठपुतली थे, जिन्हें अपराधियों को बचाने के लिए तैनात किया गया था.

दक्षिण 24 परगना के महेशतला में 11 जून को तुलसी का चौरा लगाने को लेकर सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी.

यह विवाद तब शुरू हुआ जब एक फल विक्रेता ने अपनी दुकान की जगह पर तुलसी चौरा बनाये जाने का विरोध किया. इस घटना के बाद उपद्रवियों ने पुलिस पर हमला किया था, जिसमें कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गये थे.

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