प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य ने तृणमूल कांग्रेस पर कट्टरपंथी ताकतों के आगे झुकने और ‘चुपके से जनसांख्यिकी आक्रमण’ की अनुमति देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि 2026 का विधानसभा चुनाव बंगाल और बंगाली हिंदुओं के भाग्य और अस्तित्व का फैसला करेगा. उन्होंने संकल्प जताया कि भाजपा बंगाल को कभी भी ””पश्चिम बांग्लादेश”” या ””इस्लामिक गणराज्य”” नहीं बनने देगी. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि बंगाल में राजनीतिक माहौल उसी तरह का है, जैसा आजादी के पहले 1946 में उथल-पुथल वाला था. भाजपा के प्रदेश प्रमुख ने कहा : यह महज एक राजनीतिक मुकाबला नहीं है. यह पहचान और अस्तित्व का संघर्ष है. बंगाली हिंदू अस्तित्व के संकट का सामना कर रहे हैं. भाजपा ही एकमात्र ताकत है, जो बंगाली हिंदुओं के अस्तित्व और बंगाल की रक्षा के लिए खड़ी है. हम राज्य को इस्लामिक गणराज्य या पश्चिम बांग्लादेश में तब्दील नहीं होने देंगे.
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प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के रूप में श्री भट्टाचार्य की नियुक्ति को गुटबाजी से प्रभावित इकाई में एकजुटता लाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. उन्होंने कहा : भाजपा नेताओं की पुरानी पीढ़ी ने उस समय नींव रखी, जब हमारे पास बंगाल में कुछ भी नहीं था. नयी पीढ़ी को उस संघर्ष का महत्व समझना चाहिए. इसी तरह, पुराने नेताओं को यह समझना होगा कि पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए हमें नये लोगों को शामिल करना होगा. पुराने और नये के बीच कोई टकराव नहीं है. तृणमूल को हराने के लिए हर कोई एकजुट होगा.
बंगाली संस्कृति पर किसी का एकाधिकार नहीं : वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले, तृणमूल ने भाजपा के हिंदुत्व के विमर्श का मुकाबला करने के लिए बंगाली उप-राष्ट्रवाद का आह्वान किया और उसे “बाहरी लोगों ” की पार्टी करार दिया. आरोप का जवाब देते हुए श्री भट्टाचार्य ने कहा : बंगाली संस्कृति पर किसी का एकाधिकार नहीं है. भाजपा हर उस बंगाली के साथ खड़ी है, जो विकास और सम्मान की आकांक्षा रखता है. हमें तृणमूल में किसी से बंगाली संस्कृति पर शिक्षा की जरूरत नहीं है. शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि उनकी तात्कालिक प्राथमिकता ऐसे जिलों में भाजपा की उपस्थिति को मजबूत करना और जमीनी स्तर पर नेटवर्क को फिर से सक्रिय करना होगा, जहां पार्टी के लिए व्यापक संभावनाएं हैं.
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