रूफटॉप रेस्टोरेंट पर एसओपी जारी करेगी राज्य सरकार

अगले बुधवार को मेयर फिरहाद हकीम के नेतृत्व में होगी उच्च स्तरीय बैठक

By SANDIP TIWARI | May 25, 2025 10:55 PM
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अगले बुधवार को मेयर फिरहाद हकीम के नेतृत्व में होगी उच्च स्तरीय बैठक

कोलकाता. इमारत की छत एक कॉमन एरिया है. जिसे ना तो बेचा जा सकता और ना ही किराये पर दिया जा सकता है, क्योंकि यह क्षेत्र सभी के उपयोग के लिए है. कोलकाता के मेयर और राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम पहले ही इस आशय की घोषणा कर चुके हैं. अब राज्य सरकार इस संबंध में एक स्टैंडिंग ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जारी करने जा रही है. वहीं रूफटॉप रेस्टोरेंट्स को लेकर अगले बुधवार को एक बैठक होगी. राज्य सरकार के द्वारा तैयार स्टेट कमेटी की यह बैठक चेयरमैन फिरहाद हकीम के नेतृत्व में होगी. मछुआ अग्निकांड के बाद कोलकाता नगर निगम ने शहर के सभी छत वाले रेस्तरां को अस्थायी रूप से बंद करने का आदेश जारी किया था. हालांकि, रेस्तरां मालिकों ने उस फैसले को चुनौती देते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. उच्च न्यायालय ने अस्थायी राहत प्रदान की, लेकिन कहा कि प्रत्येक रेस्तरां को सुरक्षा शर्तों का पालन करना होगा. इस घटना के बाद निगम ने रेस्तरां पर कड़ी निगरानी रखने का निर्णय लिया. अब मेयर व मंत्री फिरहाद हकीम का कहान है कि कैबिनेट तय करेगी कि एसओपी लागू किया जायेगा या नहीं. पर सूत्रों की माने तो उक्त कमेटी की पहली बैठक में एसओपी बनाने पर भी चर्चा होगी. ज्ञात हो कि निगम द्वारा छत पर बने रेस्तरां के संबंध में अधिसूचना जारी करने के बाद अदालत ने सवाल उठाया था कि क्या इसके आधार पर रेस्तरां को ध्वस्त किया जा सकता है. इसके तुरंत बाद निगम अधिकारियों ने राज्य सरकार से विभिन्न ऊंची इमारतों की छतों पर स्थित रेस्तरां को नियंत्रित करने के लिए विशिष्ट नियम जारी करने का अनुरोध किया. सूत्रों के अनुसार निगम आयुक्त ने इस मामले को लेकर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. उधर, फिरहाद ने कहा, ””कॉमन एरिया”” को दोबारा पंजीकृत होने से रोकने के लिए आइजीआर में आवेदन किया गया है. आवेदन में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि छत किसी को भी नहीं बेची जा सकती. नागरिकों की सुरक्षा पर जोर दिया जाना चाहिए. गौरतलब है कि कोलकाता नगर निगम ने इस बार से शहर के सभी रूफटॉप रेस्टोरेंट का संयुक्त निरीक्षण करने का निर्णय लिया है. इस पहल में कोलकाता पुलिस, अग्निशमन विभाग और राज्य उत्पाद शुल्क विभाग भी शामिल है.

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