16 को नगर निगम में स्टेट मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक

स्टेट मॉनिटरिंग कमेटी की आपात बैठक अगले बुधवार को बुलायी गयी है, जो कोलकाता नगर निगम में आयोजित होगी.

By SUBODH KUMAR SINGH | July 13, 2025 1:35 AM
an image

मंत्री व मेयर फिरहाद हकीम करेंगे अध्यक्षता

कई महत्वपूर्ण विषयों पर होगी चर्चा

संवाददाता, कोलकाता.

स्टेट मॉनिटरिंग कमेटी की आपात बैठक अगले बुधवार को बुलायी गयी है, जो कोलकाता नगर निगम में आयोजित होगी. शाम पांच बजे यह बैठक कोलकाता के मेयर व राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम की अध्यक्षता में होगी. इसमें स्टेट मॉनिटरिंग कमेटी के सदस्य भी उपस्थित रहेंगे.

बैठक में राज्य के पिछड़ा वर्ग विभाग के मंत्री बुलु चिक बारिक, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के प्रतिनिधि, राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के प्रतिनिधि, धनेखाली से तृणमूल विधायक असीमा पात्रा, इंटाली से तृणमूल विधायक स्वर्ण कमल साहा, राज्य पुलिस महानिदेशक, राज्य के होम एंड हिल्स विभाग के विभाग के प्रधान सचिव, शहरी विकास विभाग के सचिव, पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के सचिव, कोलकाता नगर निगम के आयुक्त, पूर्वी और दक्षिण पूर्वी रेलवे के महाप्रबंधक, एनजीओ और महर्षि वाल्मीकि सेवा संघ की सदस्य सीमा तिग्गा, सफाई कर्मचारी आंदोलन के प्रतिनिधि राजपाल वाल्मीकि, सफाई कर्मचारी आंदोलन की प्रतिनिधि अंजलि वाल्मीकि, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के संयोजक, पंजाब नेशनल बैंक के महाप्रबंधक, पश्चिम बंगाल अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग विकास के प्रबंध निदेशक और वित्त निगम के निदेशक भी मौजूद रहेंगे.

विदित हो कि राज्य सरकार के 15वें वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित प्रत्येक शहर या शहरी समूह के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक राज्यस्तरीय निगरानी और कार्यान्वयन समिति का गठन किया गया है. समिति विभिन्न सरकारी परियोजनाओं के कार्यान्वयन और सरकारी नीतियों के उचित कार्यान्वयन की निगरानी करती है, ताकि सरकारी कार्यों की पारदर्शिता और प्रभावशीलता सुनिश्चित की जा सके. यह गठित समिति समय-समय पर अपनी सिफारिशें और सुझाव देती है. इसके अलावा, राज्य निगरानी समिति स्थानीय प्रशासन की गतिविधियों की निगरानी कर सकती है. वे प्रगति कार्यों को गति देने के लिए बहुमूल्य प्रतिक्रिया प्रदान करते हैं. सूत्रों के अनुसार, बैठक में ओबीसी कोटा विवाद के विभिन्न पहलुओं पर भी चर्चा होने की संभावना है. इस बीच, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हाल ही में ओबीसी आरक्षण पर एक फैसला सुनाया है. इस फैसले में अदालत ने 2012 की एक योजना के तहत 77 श्रेणियों को दिये गये ओबीसी आरक्षण को रद्द कर दिया, क्योंकि इस योजना का कोई कानूनी आधार नहीं था. इसके अलावा, अदालत ने 2010 के बाद राज्य सरकार द्वारा जारी किये गये सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्रों को भी रद्द कर दिया. राज्य सरकार ने इस फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील की है और मामला फिलहाल लंबित है. सूत्रों ने बताया कि इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

संबंधित खबर और खबरें

 

 

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version