बांग्लाभाषियों का ‘उत्पीड़न’ बंद नहीं हुआ तो भाजपा को चुकानी होगी कीमत : ममता

ममता बनर्जी ने बुधवार को भाजपा नीत केंद्र सरकार पर देशभर में बांग्ला भाषी लोगों को परेशान करने और उनके साथ दुर्व्यवहार करने की नीति पर चलने का आरोप लगाया.

By AKHILESH KUMAR SINGH | July 17, 2025 12:47 AM
an image

दूसरे राज्यों में बंगाल के लोगों को प्रताड़ित करने की कथित घटनाओं के खिलाफ सीएम ने तृणमूल की रैली का किया नेतृत्व

मुख्यमंत्री ने कहा : अब बांग्ला में ज्यादा बोलूंगी, दम है तो डिटेंशन कैंप में रखें

भाजपा को दी चेतावनी : उत्पीड़न की नीति बंद नहीं की, तो तृणमूल जानती है कि कैसे रोका जाये

मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने बुधवार को भाजपा नीत केंद्र सरकार पर देशभर में बांग्ला भाषी लोगों को परेशान करने और उनके साथ दुर्व्यवहार करने की नीति पर चलने का आरोप लगाया तथा चेतावनी दी कि अगर उसने इस तरह की कार्रवाइयों पर तत्काल रोक नहीं लगायी, तो उसे गंभीर राजनीतिक परिणाम भुगतने होंगे. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राज्यों में अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए निर्वाचन आयोग को प्रभावित कर रही है. सुश्री बनर्जी भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला भाषी लोगों पर कथित अत्याचार के खिलाफ विरोध मार्च निकालने के बाद डोरिना क्रॉसिंग पर एक जनसभा को संबोधित कर रही थीं.

बंगाल के लोगों द्वारा राजनीतिक रूप से भाजपा को डिटेंशन कैंपों में रखने की चेतावनी : सुश्री बनर्जी ने आगे कहा कि “अब से मैंने तय किया है कि मैं पश्चिम बंगाल के बाहर बांग्ला में ज्यादा बोलूंगी. अगर आप (भाजपा) मुझे डिटेंशन कैंप में रखना चाहते हैं, तो रखकर दिखाएं. मैं आपको चैलेंज देती हूं कि साबित कीजिए कि बांग्ला भाषी प्रवासी बांग्लादेशी व रोहिंग्या मुसलमान हैं. बंगाल के 22 लाख प्रवासी श्रमिक देश के अन्य हिस्सों में काम कर रहे हैं, उनके पास वैध पहचान दस्तावेज हैं. अगर वे बंगाल में रहते तो ज्यादा बेहतर जीवन जी सकते थे. मेरा अनुरोध है कि वे वापस बंगाल लौट आएं. अगर आप (भाजपा) बंगाल के लोगों को डिटेंशन कैंपों में रखेंगे, तो बंगाल के लोग भी चुनावों के जरिये राजनीतिक रूप से भाजपा को डिटेंशन कैंपों में ही रखेंगे.

केंद्र की अधिसूचना को देंगे चुनौती

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि “केंद्र सरकार ने इस वर्ष फरवरी में एक अधिसूचना जारी की है. हम (तृणमूल) इसे चुनौती देंगे. इसे गुप्त रूप से उन जगहों पर भेजा गया है, जहां भाजपा की सरकार है. इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति पर संदेह होने पर हिरासत में लेकर डिटेंशन कैंप में डाल दिया जाये. आप जिस किसी पर भी शक करते हैं, उसे पकड़कर एक महीने के लिए जेल में रख सकते हैं. आप उन्हें बिना मुकदमे के एक महीने तक रखेंगे? क्या आप हर बंगाली बोलने वाले को जेल में डाल देंगे? यह हाल तो आपातकाल से भी ज्यादा खराब है. मैं केंद्र सरकार के उन नोटिसों को चुनौती दूंगी जो बांग्ला भाषी लोगों को परेशान करने और मामूली संदेह पर उन्हें हिरासत में लेने के लिए भाजपा शासित राज्यों को गुप्त रूप से भेजे गये थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

संबंधित खबर और खबरें

 

 

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version