कोलकाता. रेलवे महिला यात्रियों को भीड़ से मुक्ति दिलाने के लिए ट्रेनों में महिला बोगियों की संख्या बढ़ा रहा है, तो दूसरी तरफ इसके विरोध में यात्रियों का एक वर्ग मुखर हो रहा है. उनका दावा है कि कार्यालय समय में लोकल ट्रेनों में पहले ही आम यात्रियों को जगह नहीं मिलती है, उसपर से महिला बोगियों में इजाफे से पुरुष यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बुधवार को इसी मांग को लेकर यात्रियों ने सियालदह दक्षिण शाखा में फिर से रेल अवरोध किया. महिला डिब्बों की संख्या बढ़ाये जाने के विरोध में बुधवार को बड़ी संख्या में यात्रियों ने बारुईपुर-लक्ष्मीकांतपुर सेक्शन में ट्रेनों को रोक दिया. जिसके कारण सुबह सात बजे सियालदह दक्षिण में लक्ष्मीकांतपुर लाइन पर कुछ देर के लिए ट्रेन सेवाएं रोक दी गयीं. प्रदर्शनकारी अपने हाथों में तख्तियां लेकर रेल लाइन पर खड़े हो गये. प्रदर्शनकारियों की शिकायत है कि कार्यालय समय के दौरान भीड़ भरी ट्रेन में चढ़ना कभी न खत्म होने वाली परेशानी है. इस बीच, महिला डिब्बों की संख्या बढ़ने से पुरुष यात्रियों की परेशानी और बढ़ गयी है. जनरल कोच में भीड़ बढ़ती जा रही है. इसके विरोध में प्रदर्शनकारियों ने सुबह 7:30 बजे अपना प्रदर्शन शुरू कर दिया. अप और डाउन दोनों लाइनों पर रेल सेवाएं स्थगित कर दी गयीं. मथुरापुर, दक्षिण बारासात के साथ-साथ धपधपी स्टेशन स्टेशन पर भी रेल अवरोध हुआ. सैकड़ों यात्री रेल पटरियों पर खड़े होकर विरोध प्रदर्शन करने लगे. विरोध प्रदर्शन काफी समय तक चलता रहा. नाकेबंदी का सबसे अधिक असर लक्ष्मीकांतपुर और नामखाना लाइनों पर पड़ा. प्रदर्शन के कारण सियालदह मंडल के सियालदह-लक्ष्मीकांतपुर सेक्शन में ट्रेनों का परिचालन बुरी तरह से प्रभावित हुआ. रेलवे का कहना है कि उपनगरीय यात्रियों में महिला यात्री लगभग 25 प्रतिशत हैं. ऐसे में महिला यात्रियों की सुविधा के लिए प्रत्येक 12 कोच वाली ईएमयू लोकल ट्रेन में एक कोच अतिरिक्त बढ़ाया गया है. 12 कोच वाली ट्रेनों में पहले से ही आगे और पीछे एक महिला बोगी होती थी. अब दोनों तरफ एक कोच के आधे-आधे हिस्से को महिलाओं को लिए आरक्षित कर दिया गया है. यानी अब एक 12 ईएमयू लोकल ट्रेन में तीन कोच लग रहा है.
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