आंगनबाड़ी कर्मियों को पदोन्नत करने के फैसले को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

हाइकोर्ट ने आंगनबाड़ी कर्मियों को पदोन्नत करने का दिया था आदेश

By SANDIP TIWARI | July 26, 2025 11:03 PM
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हाइकोर्ट ने आंगनबाड़ी कर्मियों को पदोन्नत करने का दिया था आदेश

कोलकाता. राज्य सरकार ने अब आंगनबाड़ी कर्मचारियों की पदोन्नति से जुड़े एक मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. इससे पहले, कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति तपोब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति पार्थसारथी चटर्जी की खंडपीठ ने वंचित आंगनबाड़ी कर्मियों के पक्ष में फैसला सुनाया था. उस फैसले के खिलाफ राज्य ने देश की सर्वोच्च अदालत में एक विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की है. ममता परिहार सहित 415 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने उच्च न्यायालय में एक मामला दायर कर आरोप लगाया था कि राज्य सरकार केंद्र के आदेश की अवहेलना करते हुए आंगनबाड़ी कर्मियों को पदोन्नत करने की बजाय सीधे सुपरवाइजर के पद पर नये सिरे से नियुक्तियां कर रही है. लगभग दो दशकों से वे व्यावहारिक रूप से पदोन्नति के अवसर से वंचित हैं. फिर भी वे राज्य में विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं.

15 सितंबर, 2015 को केंद्र सरकार ने एक निर्देश जारी किया, जिसमें कहा गया था कि पर्यवेक्षकों के पद के 50 प्रतिशत रिक्त पदों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में से पदोन्नति के माध्यम से भरा जाना होगा. आरोप है कि 2019 में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के निर्देशों की अवहेलना करते हुए आंगनबाड़ियों के लिए 3,458 रिक्तियों में से केवल 422 पद आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए आरक्षित किये और शेष 3,036 पदों पर सीधी नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी. हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को कुल रिक्त पदों में 50 प्रतिशत आंगनबाड़ी कर्मियों को पदोन्नत कर भरने का आदेश दिया था, जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.

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