‘पीड़िताओं ने जो यातनाएं झेली हैं, वह कल्पना से परे है’

बोलीं विजया रहाटकर

By SANDIP TIWARI | April 20, 2025 10:45 PM
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बोलीं विजया रहाटकर राष्ट्रीय महिला आयोग एक रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जिसे शीघ्र ही केंद्र को सौंपा जायेगा रिपोर्ट की प्रतियां राज्य के शीर्ष अधिकारियों को भी भेजी जायेंगी कोलकाता. राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने रविवार को पश्चिम बंगाल सरकार से मुर्शिदाबाद जिले के हिंसा प्रभावित लोगों, विशेषकर महिलाओं की शिकायतों के समाधान के लिए तत्काल कार्रवाई करने की अपील की. उन्होंने कहा कि आयोग एक रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जिसे शीघ्र ही केंद्र को सौंपा जायेगा और उसकी प्रतियां राज्य के शीर्ष अधिकारियों को भेजी जायेंगी. रहाटकर ने शहर के एक होटल में संवाददाताओं से कहा कि पिछले दो दिनों में वह और समिति की अन्य सदस्य कई महिलाओं, उनके परिवारों और बच्चों से मिलीं. पीड़िताओं ने जो यातनाएं झेली हैं, वह कल्पना से परे हैं. उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. उनके मन पर गहरा घाव छोड़ गयी हैं, जिन्हें मानवीय दृष्टिकोण के साथ तत्काल भरने और समाधान करने की जरूरत है. उन्होंने राज्य प्रशासन द्वारा विश्वास बहाली के उपायों की वकालत करते हुए कहा : शांति स्थापित करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है. आयोग उन सभी महिलाओं के विचारों को शामिल करते हुए एक रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जिन्होंने अपनी आपबीती सुनायी और जिन्होंने अपनी जान और गरिमा बचाने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) जैसी सुरक्षा एजेंसियों को श्रेय दिया. रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी जायेगी और इसकी प्रतियां जल्द ही पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और मुख्य सचिव को भेजी जायेंगी. क्षेत्र में बीएसएफ के शिविर खोले जाने संबंधी महिलाओं की मांग के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा : हां, उनमें से कई ने यही कहा है. क्षेत्र में भय और असुरक्षा का माहौल है. हम निश्चित रूप से अपनी रिपोर्ट में उनके विचारों को शामिल करेंगे. रहाटकर ने राज्य सरकार से इन लोगों की पीड़ा को दूर करने के लिए शीघ्र और तत्काल कार्रवाई करने की अपील की. एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष ने कहा : उन्हें न्याय दीजिए, उनके आंसू पोंछिए, उनके नुकसान (घरों और संपत्तियों को हुए नुकसान और सामान की लूट) की भरपाई के लिए तत्काल मुआवजे की व्यवस्था कीजिए. उन्होंने हिंसा प्रभावित इन लोगों के लिए उपयुक्त सुरक्षा और उनमें आत्मविश्वास की भावना पैदा करने की मांग करते हुए कहा : ऐसा करना इस सरकार का नैतिक कर्तव्य है. वे हमारे अपने लोग हैं. वे राज्य की बेटियां हैं. उन्होंने जो कुछ भी झेला, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. वे मुझसे पूछ रही थीं कि उनका क्या कसूर है. एक मां अपने चार दिन के बच्चे के साथ अपनी जान बचाने के लिए भागी थी. हमने उन्हें बताया कि पूरा देश आपके साथ है. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के आरोप लगाया है कि महिला आयोग केंद्र की भाजपा सरकार के इशारे पर काम कर रहा है और सवाल किया कि पूर्व में वह मणिपुर और भाजपा शासित राज्यों से अत्याचार की खबरें आने पर वहां क्यों नहीं गया? इस बारे में पूछे जाने पर रहाटकर ने कहा : मैं बस इतना ही कहूंगी कि मैं राजनीति नहीं करना चाहती. मैं प्रताड़ित की गयीं बहनों के साथ खड़ी हूं.

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