फैसला. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया दिशा-निर्देश
अब किसी भी व्यक्ति को बिना उचित दस्तावेज और आधिकारिक अनुमति के प्रमाणपत्रों पर नाम या तारीख जैसी व्यक्तिगत जानकारी में बदलाव करने की अनुमति नहीं होगी
परिवर्तन का अनुरोध करने के लिए आवेदकों को आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र या पैन कार्ड समेत पहचान का प्रमाण प्रस्तुत करना होगातलाक होने की स्थिति में भी बच्चे के जन्म प्रमाणपत्र पर पिता का नाम ही रहेगा
अगर बच्चा होने के बाद किसी दंपती का तलाक हो जाता है, तो उस स्थिति में बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र से पिता का नाम किसी भी तरह से नहीं हटाया जा सकेगा. अगर मां दोबारा शादी कर भी ले, तो भी बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र में पिता के तौर पर कोई नया नाम नहीं जोड़ा जा सकेगा. स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि जन्म प्रमाण पत्र में एक बार पिता के रूप में नाम दर्ज हो जाने के बाद उसे किसी भी तरह से बदला नहीं जा सकेगा. माना जा रहा है कि यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि बच्चे के स्कूल में दाखिले में कोई दिक्कत न आये.जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 के अनुसार, जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र में जन्मतिथि, पिता का नाम, नाम में पूर्ण परिवर्तन या ऐसी कोई भी चीज नहीं बदली जा सकती जिससे कानूनी जटिलताएं पैदा हो सकती हैं. सभी रजिस्ट्रारों को निर्देश दिया गया है कि अगर कोई व्यक्ति अपनी जन्मतिथि या जन्मस्थान में बदलाव कराना चाहता है तो उसका आवेदन स्वीकार न करें.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
परिवर्तन का अनुरोध करने के लिए आवेदकों को आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र या पैन कार्ड समेत पहचान का प्रमाण प्रस्तुत करना होगातलाक होने की स्थिति में भी बच्चे के जन्म प्रमाणपत्र पर पिता का नाम ही रहेगा
अगर बच्चा होने के बाद किसी दंपती का तलाक हो जाता है, तो उस स्थिति में बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र से पिता का नाम किसी भी तरह से नहीं हटाया जा सकेगा. अगर मां दोबारा शादी कर भी ले, तो भी बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र में पिता के तौर पर कोई नया नाम नहीं जोड़ा जा सकेगा. स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि जन्म प्रमाण पत्र में एक बार पिता के रूप में नाम दर्ज हो जाने के बाद उसे किसी भी तरह से बदला नहीं जा सकेगा. माना जा रहा है कि यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि बच्चे के स्कूल में दाखिले में कोई दिक्कत न आये.जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 के अनुसार, जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र में जन्मतिथि, पिता का नाम, नाम में पूर्ण परिवर्तन या ऐसी कोई भी चीज नहीं बदली जा सकती जिससे कानूनी जटिलताएं पैदा हो सकती हैं. सभी रजिस्ट्रारों को निर्देश दिया गया है कि अगर कोई व्यक्ति अपनी जन्मतिथि या जन्मस्थान में बदलाव कराना चाहता है तो उसका आवेदन स्वीकार न करें.
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