संवाददाता, कोलकातासुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नौकरी गंवाने वाले आंदोलनकारी शिक्षकों ने अब नयी दिल्ली में आंदोलन की चेतावनी दी है. सोमवार को विकास भवन में शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के आंदोलनकारी शिक्षकों ने संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी. आंदोलनकारियों की ओर से हबीबुल्लाह ने कहा कि सोमवार को हम कई मांगों को लेकर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव व सचिव के पास गये थे. कुछ बातों पर सहमति होने के बावजूद राज्य सरकार ने हमारी सभी मांगों को पूरा करने के संबंध में कोई आश्वासन नहीं दिया. इसलिए हमने निर्णय लिया है कि अब हम अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में आंदोलन करेंगे.
यह पूछे जाने पर कि क्या बातचीत को ‘सकारात्मक’ कहा जा सकता है, मंच के सदस्य चिन्मय मंडल ने कहा, ‘हम ऐसा नहीं कह सकते. चर्चा के दौरान कई मुद्दे सामने आये. सरकार ने अपने विचार व्यक्त किये और स्पष्ट किया कि वह वर्तमान स्थिति में क्या कर सकती है और क्या नहीं. उन्होंने कहा, ‘हम आपस में चर्चा करेंगे और फिर जल्द ही अपनी आधिकारिक प्रतिक्रिया देंगे. तब तक हम कुछ नहीं कह सकते. प्रदर्शनकारी शिक्षक विकास भवन के पास कई दिनों से धरना दे रहे हैं. और मांग कर रहे हैं कि उन्हें बहाल किया जाये. उन्होंने शीर्ष अदालत के आदेश के अनुसार नयी भर्ती परीक्षा में भाग लेने से भी इनकार कर दिया.
नियुक्ति की अधिसूचना प्रकाशित न करने का अनुरोध
आंदोलनकारी शिक्षकों ने कहा कि पुनर्विचार के लिए जो अनुरोध किया गया है, उस पर जरूर सुनवाई होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट से ऐसा फैसला आना चाहिए था कि जिससे योग्य शिक्षकों की नौकरियां नहीं जानी चाहिए थी. शीर्ष अदालत के फैसले से एक मिसाल कायम होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. उन्होंने सवाल किया कि क्या भविष्य में किसी भी पैनल में 2-3 प्रतिशत भी भ्रष्टाचार हुआ तो पूरा पैनल अयोग्य हो जायेगा?
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