कोलकाता. राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर चल रहे विवाद की अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 10 दिन बाद होगी. गुरुवार को न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जयमाल्य बागची की पीठ के समक्ष यह मामला आया, जहां अदालत ने कहा कि कुलपतियों की नियुक्ति मुख्यमंत्री द्वारा भेजी गयी सूची के अनुसार की गयी है. यह मामला राज्य सरकार और राज्यपाल के बीच अस्थायी कुलपति नियुक्तियों को लेकर खींचतान के बाद अदालत तक पहुंचा था. जुलाई 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता में एक खोज-सह-चयन समिति का गठन किया था, जिसे योग्य उम्मीदवारों की सूची तैयार कर मुख्यमंत्री को भेजने का निर्देश दिया गया था. हालांकि बाद में राज्यपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि नियुक्तियों में अड़चनें आ रही हैं, जिसके बाद अदालत ने समिति से रिपोर्ट तलब की. गुरुवार को सुनवाई में अदालत ने कहा कि रिपोर्ट में सिर्फ दो विश्वविद्यालयों की नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी पायी गयी है. बाकी नियुक्तियां समुचित प्रक्रिया से की गयी हैं.
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