प्रतिनिधि, हुगली
हुगली जिले की एक सत्र अदालत ने 2011 में स्कूल समिति चुनाव के दौरान तृणमूल नेता की हत्या के मामले में मंगलवार को एक दोषी को मृत्युदंड और 18 अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
आरामबाग के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने नईमुद्दीन शेख की हत्या के लिए बलदेव पाल को मृत्युदंड, जबकि 18 अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. गोघाट में तृणमूल नेता शेख नईमुद्दीन की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी.
यह घटना नौ दिसंबर, 2011 को हुई थी. गोघाट के साओरा स्कूल में यूनियन परिचालन समिति का नामांकन पत्र जमा करने का अंतिम दिन था. उस दौरान शेख नईमुद्दीन नामांकन प्रक्रिया में व्यस्त थे. स्कूल में उस दिन पढ़ाई के साथ-साथ पास में हाट भी लग रहा था. तभी बलदेव पाल ने पीछे से प्वाइंट ब्लैंक रेंज से गोली मारकर उनकी हत्या कर दी और फरार हो गया. घटना के बाद नईमुद्दीन की पत्नी ने गोघाट थाने में लगभग 30 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. चार लोगों की मुकदमे के दौरान मौत हो गयी, सात को अदालत ने बरी कर दिया, जबकि बाकी 19 को दोषी पाया गया.
आरोपियों के खिलाफ चली 14 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद मंगलवार को अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश किशन कुमार अग्रवाल ने सजा का ऐलान किया. बलदेव पाल को फांसी की सजा सुनाई गयी, जबकि अन्य 18 को उम्रकैद मिली. फैसले के बाद शेख नईमुद्दीन के भाई शेख रामीउद्दीन ने कहा: हमारे भाई अन्याय के खिलाफ हमेशा खड़े रहते थे. शायद इसी कारण उनकी हत्या कर दी गयी. लेकिन हम पीछे नहीं हटे. लगातार संघर्ष करते रहे और आज हमें न्याय मिला. बलदेव पाल को फांसी की सजा सुनाकर अदालत ने साबित कर दिया कि कानून के हाथ लंबे होते हैं.
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