30 साल पहले धोखे से गंवाई थी कांस्टेबल की नौकरी
संवाददाता, हावड़ा.
दासनगर के रहने वाले श्यामल दास ने ‘दीदी के बोलो’ हेल्पलाइन पर फोन कर न्याय की गुहार लगायी है. उनका आरोप है कि 30 साल पहले उन्होंने पुलिस कांस्टेबल की परीक्षा पास की थी, लेकिन उन्हें नौकरी नहीं मिली. इसके बजाय उनके ही इलाके के किसी दूसरे श्यामल दास ने धोखे से वह नौकरी हासिल कर ली. श्यामल दास का कहना है कि यह धोखाधड़ी करने वाला व्यक्ति वर्तमान में राज्य पुलिस में कार्यरत है, जबकि वह परीक्षा पास करने के बावजूद नौकरी से वंचित रह गये. उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है.
एक कारखाने में श्रमिक के रूप में काम करने वाले श्यामल दास ने अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि यह घटना वर्ष 1995 की है, जब वाममोर्चा का शासनकाल था. राज्य पुलिस में कांस्टेबल के पद के लिए उन्हें एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज से बुलावा आया था. हावड़ा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार और पुलिस उपाधीक्षक सचिन श्रीधर ने शिवपुर पुलिस लाइन में उनका फिजिकल टेस्ट लिया था. श्यामल का दावा है कि उन्होंने सभी चरणों की परीक्षा सफलतापूर्वक पास कर ली थी. हालांकि, बाद में उन्हें पता चला कि नौकरी किसी दूसरे श्यामल दास को दे दी गयी है. उन्होंने इस घटना की जानकारी स्थानीय माकपा नेता को दी, लेकिन आरोप है कि उस नेता ने उनसे 85 हजार रुपये रिश्वत की मांग की. इसके बाद श्यामल दास ने दासनगर थाने में भी शिकायत दर्ज कराई. लेकिन उनके अनुसार, कोई कार्रवाई नहीं हुई. श्यामल दास ने बताया कि उन्होंने 30 मई को ‘दीदी के बोलो’ पर फोन करके पूरी घटना की जानकारी दी है. उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री इस मामले में जरूर कुछ करेंगी और उन्हें 30 साल बाद न्याय मिलेगा.
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