स्पैम के विरुद्ध ट्राई का नियम क्या है?
इस पहल का मुख्य उद्देश्य भारत में प्रतिदिन आने वाले 1.5 से 1.7 बिलियन कमर्शियल मैसेजेस में से स्पैम को कम करना है. TRAI ने 1 अक्टूबर से लागू हो गए नियमों के लिए कहा है कि सभी कमर्शियल मैसेज को पहले से रजिस्टर्ड होना चाहिए, जिसे व्हाइटलिस्टिंग के रूप में जाना जाता है. यह प्रक्रिया अनवेरीफाईड मैसेजेस को रोकने में मदद करेगी, जिससे यूजर्स को धोखाधड़ी और स्पैम से सुरक्षा मिलेगी.
सेंडर से रिसीवर तक ट्रेस होगी मैसेज की जानकारी
जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के यूजर्स के लिए ये नये अपडेट काफी महत्वपूर्ण हैं. TRAI ने यह भी सुनिश्चित किया है कि सभी मैसेजेस की जानकारी 1 नवंबर तक सेंडर से रिसीवर तक ट्रेस की जा सके. जो मैसेज ट्रेसेबिलिटी टेस्ट में असफल होंगे, उन्हें अस्वीकार कर दिया जाएगा. यह कदम यूजर्स के मैसेजिंग अनुभव को बेहतर बनाने और स्पैम की समस्या को कम करने के लिए उठाया गया है.
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