मस्क के ‘गालीबाज’ ग्रॉक की गलतियों का जिम्मेवार कौन? कोई नियम-कानून है या नहीं?

Grok AI Blunders: सरकारी सूत्रों के अनुसार, सोशल मीडिया मंच एक्स को उसके एआई टूल ग्रोक द्वारा दिए गए उत्तरों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. सरकार इस मामले में कानूनी समीक्षा कर रही है, जिससे एआई कंटेंट की जवाबदेही तय की जा सके.

By Rajeev Kumar | March 21, 2025 6:06 AM
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Grok AI Blunders Accountability: भारत सरकार के सूत्रों के अनुसार, सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) को उसके एआई टूल ग्रॉक द्वारा दिए गए उत्तरों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. हाल ही में ग्रॉक ने भारतीय नेताओं पर विवादित जवाब दिए, जिससे सरकार ने इस मामले की कानूनी समीक्षा शुरू कर दी है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय एक्स के साथ चर्चा कर रहा है ताकि यह समझा जा सके कि प्लैटफॉर्म स्थानीय कानूनों का पालन कर रहा है या नहीं. आईटी अधिनियम की धारा 79(3) के तहत सरकार सोशल मीडिया कंटेंट की मॉडरेशन नीतियों पर सख्त रुख अपना सकती है.

भारत सरकार के सूत्रों के अनुसार, सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) को उसके एआई टूल ‘ग्रॉक’ द्वारा दिए गए जवाबों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. इस बारे में कानूनी राय तैयार की जा रही है, जिससे यह तय होगा कि एआई-जनित कंटेंट की जवाबदेही प्लैटफॉर्म पर होगी या नहीं.

ग्रॉक के विवादित जवाबों पर मचा बवाल

हाल ही में एक्स के यूजर्स ने ग्रॉक से भारतीय नेताओं और राजनीतिक मुद्दों पर सवाल किये थे, जिसके जवाब कुछ मामलों में अनुचित और विवादास्पद थे. इसने सरकार का ध्यान आकर्षित किया और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इस विषय पर एक्स के साथ बातचीत कर रहा है.

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सरकार की सख्ती और एआई नियमन

सरकारी सूत्रों के अनुसार, पहले भी गूगल के एआई टूल जेमिनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक उत्तर दिये थे, जिसके बाद सरकार ने तत्काल कार्रवाई की थी और एआई कंटेंट मॉडरेशन के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे. अब सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सोशल मीडिया और एआई प्लैटफॉर्म स्थानीय कानूनों और नैतिकता के अनुरूप कार्य करें.

आईटी अधिनियम और कानूनी चुनौती

सोशल मीडिया कंटेंट मॉडरेशन के संदर्भ में आईटी अधिनियम की धारा 79(3) के तहत प्लैटफॉर्म्स को सरकार के आदेशों का पालन करना होता है. एक्स ने कर्नाटक उच्च न्यायालय में सरकार के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है, जिसमें उसने इस धारा को मनमाना और असंवैधानिक बताया है. सरकार का मानना है कि यदि कोई सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म यूजर्स द्वारा उत्पन्न सामग्री की जिम्मेदारी लेने को तैयार है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है.

क्या होगा आगे?

न्यूज एजेंसी पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, अभी इस मामले में कानूनी सलाह ली जा रही है और अंतिम निर्णय अदालतों के फैसले पर निर्भर करेगा. सरकार सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स के लिए सख्त दिशानिर्देशों पर काम कर रही है, ताकि एआई-जेनरेटेड कंटेंट को जिम्मेदार और सुरक्षित बनाया जा सके.

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