Ola Uber Rapido कैब चालकों ने हैदराबाद में ‘नो AC कैंपेन’ क्यों छेड़ा है?

Ola Uber Rapido : हैदराबाद में ओला उबर रैपिडो कैब चालकों ने कम किराये और बढ़ते खर्चों के विरोध में ‘नो AC अभियान’ शुरू किया है. वे सरकार से किराया नीति में बदलाव की मांग कर रहे हैं. इस आंदोलन का असर यात्रियों और कैब सेवाओं पर पड़ रहा है. जानिए पूरी जानकारी और इसके संभावित प्रभाव.

By Rajeev Kumar | March 26, 2025 2:31 PM
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Ola Uber Rapido No AC Campaign: हैदराबाद में ऐप-आधारित कैब सर्विस देने वाले ड्राइवर्स ने रेंटल पॉलिसी यानी किराया नीति के खिलाफ अनोखा विरोध शुरू किया है. ओला, उबर और रैपिडो के सैकड़ों कैब चालकों ने अपनी गाड़ियों में एयर कंडीशनर (AC) बंद रखने का फैसला किया है. इस ‘नो AC अभियान’ के तहत, ड्राइवर अपनी कारों की पिछली सीट पर नोटिस लगाकर यात्रियों को इसके पीछे की वजह बता रहे हैं.

कैब ड्राइवर AC क्यों नहीं चला रहे?

तेलंगाना गिग एंड प्लैटफॉर्म वर्कर्स यूनियन (TGPWU) के अनुसार, मौजूदा किराया संरचना ड्राइवरों के लिए घाटे का सौदा बन गई है. उनका कहना है कि प्रति किलोमीटर यात्रा में 16-18 रुपये तक का खर्च आता है. लेकिन ओला-उबर जैसी कंपनियां केवल 10-12 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से भुगतान कर रही हैं. ईंधन की बढ़ती कीमतें और वाहन रखरखाव लागत बढ़ने के बावजूद किराया में उचित संशोधन नहीं किया गया.

ड्राइवरों की मांगें और सरकार से उम्मीदें

कैब ड्राइवरों ने सरकार से इस मामले में दखल देने की अपील की है. वे चाहते हैं कि सरकार राइड-हेलिंग कंपनियों को पारदर्शी और निष्पक्ष किराया नीति लागू करने के लिए बाध्य करे. प्रति किलोमीटर किराये में ईंधन और रखरखाव लागत को जोड़ा जाए. कंपनियां चालकों का कमीशन कम न करें ताकि वे अपनी सेवाएं जारी रख सकें.

यात्रियों से सहयोग की अपील

ड्राइवरों ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे उनके इस विरोध को समझें और समर्थन करें. यदि कोई यात्री AC ऑन करवाना चाहता है, तो उन्हें ड्राइवर को अतिरिक्त टिप देकर मदद करनी चाहिए ताकि वह बढ़े हुए खर्च को कवर कर सके.

एयरपोर्ट यात्रियों का बहिष्कार भी जारी

‘नो AC अभियान’ के अलावा, हैदराबाद के कैब ड्राइवरों ने राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से यात्रियों को न उठाने का भी फैसला किया है. ड्राइवरों का कहना है कि एयरपोर्ट से वापसी के दौरान उन्हें अक्सर कोई सवारी नहीं मिलती, जिससे उन्हें 3-4 घंटे तक इंतजार करना पड़ता है या खाली लौटना पड़ता है, जिससे उनका नुकसान बढ़ जाता है.

पहले भी हो चुका है ऐसा विरोध

यह पहली बार नहीं है जब कैब ड्राइवरों ने किराया नीति को लेकर प्रदर्शन किया है. इससे पहले भी, ड्राइवरों ने किराया निर्धारण में भेदभाव को लेकर आंदोलन किया था. यहां तक कि संसद में भी इस मुद्दे को उठाया गया था, जहां ओला और उबर पर अलग-अलग प्लैटफॉर्म (Android और iOS) पर भिन्न किराए वसूलने के आरोप लगे थे.

कैब चालकों की हड़ताल का असर

यात्रियों को गर्मी में बिना AC के सफर करना पड़ रहा है.एयरपोर्ट जाने वाले यात्रियों को वैकल्पिक साधनों की तलाश करनी पड़ रही है.
सरकार और कैब कंपनियों पर दबाव बढ़ रहा है कि वे इस मुद्दे को जल्द हल करें.

क्या होगा आगे?

अब देखना यह होगा कि सरकार और राइड-हेलिंग कंपनियां इस मुद्दे को हल करने के लिए क्या कदम उठाती हैं. अगर किराये में सुधार नहीं किया गया तो संभव है कि आने वाले दिनों में यह आंदोलन और भी बड़े स्तर पर फैल सकता है.

यात्रियों को असुविधा

हैदराबाद में कैब ड्राइवरों का ‘नो AC अभियान’ किराया नीति में सुधार की मांग को लेकर चल रहा है. ड्राइवरों का कहना है कि वर्तमान दरें उनके खर्च को कवर नहीं कर रही हैं, जिससे वे नुकसान में जा रहे हैं. यात्रियों को असुविधा जरूर हो रही है, लेकिन ड्राइवरों को भी अपनी आजीविका बचाने के लिए यह कदम उठाना पड़ा है. अब देखना होगा कि सरकार और कंपनियां इस विवाद को कैसे सुलझाती हैं.

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