यह साझेदारी सुरक्षा, निगरानी, टोही और सर्वेक्षण कार्यों के लिए डिज़ाइन किए गए मॉड्यूलर स्वायत्त अंडरवाटर वाहनों (एयूवी) को विकसित करना चाहती है. ये एयूवी तेजी से तैनाती की क्षमता प्रदान करेंगे, जिससे अंडरवाटर परिचालन बढ़ेगी. इसके अलावा दोनों कंपनियां संभावित ड्रोन खतरों का पता लगाने और उन्हें बेअसर करने के लिए सीयूएएस प्रौद्योगिकियों पर काम करेंगी, जिससे हवाई सुरक्षा चुनौतियों के खिलाफ बेहतर सुरक्षा मिलेगी.
महिंद्रा समूह के कार्यकारी बोर्ड के सदस्य विनोद सहाय ने इस साझेदारी को समूह की सुरक्षा और स्वायत्त प्रौद्योगिकी के विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया. उन्होंने कहा, “यह सहयोग हमारी गहन इंजीनियरिंग विशेषज्ञता को एंडुरिल के अभिनव समाधानों के साथ जोड़ता है, जिससे हम सुरक्षा बढ़ाने और उभरते खतरों से निपटने की क्षमता प्राप्त कर सकते हैं”
एंडुरिल इंडस्ट्रीज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (वैश्विक रक्षा) ग्रेग कौसनर ने भी इस साझेदारी पर अपने विचार व्यक्त किए. उन्होंने कहा, “वैश्विक सुरक्षा बलों को मानवरहित सिस्टम और पुराने मानवयुक्त प्लेटफॉर्म दोनों से तेजी से विकसित हो रहे खतरों का सामना करना पड़ रहा है, और स्वायत्तता सुरक्षा बनाए रखने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है. हमारी दोनों कंपनियां मिलकर भारतीय बाजार में अत्याधुनिक स्वायत्तता-सक्षम क्षमताएं लाने के लिए तैयार हैं”
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