AI अब देश की संसद में भी मचाएगा धमाल, इन कामों में करेगा माननीयों की मदद

AI in Indian Parliament: संसद भाषिणी के माध्यम से AI का उपयोग न केवल सांसदों को भाषाई सहायता देगा, बल्कि संसदीय कार्यों को अधिक सुचारू और डिजिटल रूप से उन्नत भी बनाएगा.

By Rajeev Kumar | March 18, 2025 11:11 PM
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AI in Indian Parliament: भारत की संसद में विभिन्न भाषाओं की बाधाओं को समाप्त करने और संसदीय कार्यों को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से, “संसद भाषिणी” नामक एक उन्नत कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) समाधान पेश किया गया है. इस पहल के तहत, लोकसभा सचिवालय और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए.

AI की मदद से संसद में भाषाओं का अनुवाद

यह AI-आधारित प्रणाली सांसदों, शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों के लिए बहुभाषी संसदीय अभिलेखों की सुविधा प्रदान करेगी. इस पहल के अंतर्गत:

विभिन्न भारतीय भाषाओं में उपलब्ध संसदीय दस्तावेजों का त्वरित अनुवाद किया जा सकेगा
सांसदों को अपनी भाषा में संसदीय कार्यवाही को समझने और उसमें भाग लेने की सुविधा मिलेगी
संसदीय प्रक्रियाओं को डिजिटल रूप से सुव्यवस्थित किया जाएगा.

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‘संसद भाषिणी’ के लाभ

संसदीय वाद-विवाद का त्वरित अनुवाद

AI की मदद से संसद में किए गए भाषणों का त्वरित अनुवाद विभिन्न भाषाओं में किया जाएगा, जिससे सांसदों को अपनी मातृभाषा में कार्यवाही समझने में आसानी होगी

संसदीय अभिलेखों की बहुभाषी उपलब्धता

यह प्रणाली सांसदों और शोधकर्ताओं को संसद में हुए ऐतिहासिक वाद-विवाद, विधेयकों और अन्य संसदीय दस्तावेजों को अपनी पसंदीदा भाषा में पढ़ने की सुविधा देगी.

डिजिटल और तकनीकी सशक्तिकरण

संसद में AI के प्रवेश से कार्यवाही को अधिक सुव्यवस्थित और प्रभावी बनाया जाएगा. यह डिजिटल इंडिया पहल के तहत एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा.

तकनीक और भविष्य की संभावनाएं

AI और मशीन लर्निंग के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए, संसद में AI का उपयोग लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी और समावेशी बना सकता है. यह पहल भारत की विविध भाषाओं को सशक्त बनाने और डिजिटल युग में संसद को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

संसदीय कामकाज बनेंगे सुचारू और डिजिटल रूप से उन्नत

“संसद भाषिणी” के माध्यम से AI का उपयोग न केवल सांसदों को भाषाई सहायता प्रदान करेगा, बल्कि संसदीय कार्यों को अधिक सुचारू और डिजिटल रूप से उन्नत भी बनाएगा. यह पहल भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक बड़ा तकनीकी बदलाव लाने में सहायक होगी.

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