‘जब तक AI हंसा नहीं सकता, तब तक खतरा नहीं’, सलमान रुश्दी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर ऐसा क्यों कहा?

मशहूर लेखक सलमान रुश्दी का मानना है कि AI लेखकों के लिए तब तक कोई खतरा नहीं है, जब तक यह मौलिकता और हास्य नहीं पैदा कर सकता. उन्होंने कहा कि कहानियों और कल्पनाओं की अहमियत बढ़ गई है, क्योंकि AI में हास्यबोध की कमी है.

By Rajeev Kumar | June 7, 2025 3:33 PM
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मशहूर लेखक सलमान रुश्दी ने हाल ही में AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और लेखकों पर इसके प्रभाव को लेकर एक महत्वपूर्ण टिप्पणी दी है. उनका मानना है कि जब तक AI इंसानों को हंसा नहीं सकता, तब तक यह लेखकों के लिए कोई बड़ा खतरा नहीं है. यह बयान ऐसे समय में आया है जब दुनियाभर में AI की क्षमताओं और इसकी सीमाओं पर बहस तेज हो गई है.

AI और हास्य की सीमा

रुश्दी का मानना है कि AI चाहे जितना भी विकसित हो जाए, उसमें हास्यबोध (Sense of Humor) की कमी बनी रहेगी. उन्होंने कहा: “अगर कभी AI एक मजेदार किताब लिखने में सफल हो जाए, तो हम सच में मुश्किल में होंगे.” उन्होंने मजाकिया लहजे में यह भी कहा कि वे खुद नहीं चाहेंगे कि कोई ChatGPT से मजाक सुनना शुरू कर दे. उनके मुताबिक, हास्य लेखन इंसानी अनुभव, भावनाओं और सामाजिक समझ का परिणाम होता है – जो AI के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण है.

लेखकों को क्यों नहीं है डर?

सलमान रुश्दी ने स्पष्ट किया कि जब तक AI मौलिक, संवेदनशील और हास्य से भरी कहानियां नहीं रच सकता, तब तक मानव लेखकों की अहमियत बनी रहेगी. उन्होंने यह भी जोड़ा कि अच्छे लेखकों की खासियत होती है कल्पनाशीलता और मानवीय दृष्टिकोण, जो AI से संभव नहीं है.

AI और साहित्य की दुनिया

रुश्दी ने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने आज तक किसी प्रकार का AI टूल प्रयोग नहीं किया है और वे इसे नजरअंदाज करना पसंद करते हैं. उनके अनुसार, आज के दौर में साहित्य और कहानियों की भूमिका और भी अहम हो गई है, क्योंकि दुनिया भर में लोग अब तथ्यों और सच्चाई को लेकर सहमत नहीं होते. ऐसे में, कल्पना और रचनात्मकता ही वो जरिया है, जो हमें जोड़ताहै.

AI बनाम इंसानी रचनात्मकता

AI की क्षमताओं में तेजी से वृद्धि हो रही है – लेख, कविता, कोड, संगीत और चित्रों के निर्माण में यह काफी सक्षम हो चुका है. लेकिन रुश्दी की बात इस दिशा में सोचने को मजबूर करती है कि क्या AI कभी “इंसानीसंवेदना” और “हास्य” जैसी जटिलताओं को समझ पाएगा?

जब तक AI सिर्फ पैटर्न और डेटा के आधार पर काम करता रहेगा, तब तक लेखक, कवि और रचनात्मक कलाकार अपनी जगह बनाये रखेंगे.

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