Starship Successfuly Tested: Space X की ओर से मिशन मून और मंगल के लिए बनाए गए विशाल स्टारशिप रॉकेट का गुरुवार को चौथा टेस्ट कामयाब हो गया. टेस्ट के बाद वापसी के समय इसकी सॉफ्ट लैंडिंग कराने के लिए इसे हिन्द महासागर में गिराया गया, जिसके बाद इसके कुछ हिस्से अलग हो गए.
टेस्ट की सफलता पर Space X के CEO Elon Musk ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर कहा कि कई टाइलें खोने और फ्लैप क्षतिग्रस्त होने के बावजूद, स्टारशिप ने समुद्र में सॉफ्ट लैंडिंग की. उन्होंने आगे ये भी कहा कि ये दूसरे ग्रह पर जीवन बसाने की ओर उठाया गया एक बड़ा कदम है.
Despite loss of many tiles and a damaged flap, Starship made it all the way to a soft landing in the ocean!
— Elon Musk (@elonmusk) June 6, 2024
Congratulations @SpaceX team on an epic achievement!! https://t.co/UnXbnmZ2pE
Table of Contents
- जाने Starship के बारे में
- 16 मिलियन पाउंड का थ्रस्ट पैदा करता है इंजन
- इतनी है Starship की ऊंचाई
- इसके पहले भी हो चुके हैं कई टेस्ट
Space X की शक्तिशाली मिसाइल Starship को टेक्सास के स्टारबेस बोका चिका से सुबह 7 बजकर 50 मीनट पर लॉन्च किया गया था. Space X के मुताबिक इस टेस्ट का उद्देश्य ये पता लगाना था कि Starship अंतरिक्ष में भेजे जाने के बाद पृथ्वी पर सही तरीके से सर्वाइव कर लौटता है या नही. हालांकि ये Space X का चौथा टेस्ट था जो 1 घंटा 5 मिनट और 48 सेकेंड में पूरा हुआ.
दरअसल ये मिशन Elon Musk के सपने को साकार करने के उनके जरूरी मिशनों में से एक था जिसके जरिए वो मंगल ग्रह पर इंसानी कॉलोनी बसाना चाहते हैं.
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जाने Starship के बारे में
Starship एक ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम है जो स्पेसक्राफ्ट और सुपर हैवी बूस्टर का मिला जुला रूप है. इसे एक बार में तकरीबन 100 लोगों को एक साथ मंगल ग्रह पर ले जाने के लिए बनाया गया है.
16 मिलियन पाउंड का थ्रस्ट पैदा करता है इंजन
इस ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम में 6 रैप्टर इंजन और सुपर हैवी में 33 रैप्टर इंजन का इस्तेमाल किया गया है. जैसे ही ये इंजन स्टारशिप को लॉन्चपैड से ऊपर उठाता है, ये पूरी शक्ति से 16 मिलियन पाउंड का थ्रस्ट पैदा करता है.
इतनी है Starship की ऊंचाई
इस रॉकेट की ऊंचाई की बात करें तो ये 397 फीट ऊंचा है यानी स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की मूर्ति से करीब 90 फीट ऊचा ऊंचा.
इसके पहले भी हो चुके हैं कई टेस्ट
Space X को इतनी जल्दी सफलता हाथ नहीं लगी, मिशन के उद्देश्य को पूरा करने का ये चौथा टेस्ट था. इस काम में पहले तीन प्रयासों का अंत विस्फोटों से हो चुका है. इस मिशन के तहत Space X का पहला टेस्ट 20 अप्रैल 2023 को को हुआ था, जिसमें उड़ान भरने के चार मिनट बाद विस्फोट हो गया था.
इसके बाद 18 नवंबर 2023 को स्टारशिप को दूसरा टेस्ट करवाया गया था. यह पृथ्वी की तरफ आ ही नहीं पाया था. ये 3.2 मिनट के बाद ही 90 किलोमीटर ऊपर यह फट गया था. फिर इस साल 14 मार्च, 2024 को तीसरा टेस्ट हुआ जिससे आंशिक रूप से सफलता हाथ लगी और अंतत: इस चौथे टेस्ट के बाद मिशन के तहत इंसानों का मंगल ग्रह पर पहुंचने के आसार दिख रहे हैं.
बता दें Elon Musk का मानना है कि पृथ्वी पर कुछ ऐसा हो सकता जिससे मानवता खत्म हो सकती है तो ऐसे में उनका प्लान है कि 2029 तक इंसानों को मंगल पर पहुंचा दिया जाए.
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