कंटेंट के पीछे इंसानी दिमाग या ChatGPT का हाथ! मिनटों में चलेगा पता, जानिए कैसे कर सकते हैं वेरिफाई

आज के समय में ChatGPT का इस्तेमाल कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है. हर काम के लिए लोग ChatGPT की मदद ले रहे हैं. स्टूडेंट्स हो या फिर ऑफिस में काम करने वाले इंप्लॉइस सभी ChatGPT की मदद से काम को निपटा रहे हैं. ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि ChatGPT से लिखे कंटेंट की पहचान कैसे की जाए. आज हम आपको इससे जुड़ी कुछ आसान टिप्स देने वाले हैं. जिससे आप मिनटों में पता कर सकेंगे कि कंटेंट ChatGPT का है या इंसानी दिमाग का.

By Shivani Shah | July 10, 2025 2:46 PM
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आज के समय में हर कोई अपना काम ChatGPT से करवा रहा है. फिर चाहे स्टूडेंट हो या कोई इंप्लॉइ हर कोई ChatGPT की मदद ले रहा है. ज्यादातर ChatGPT की मदद से लोग लिखने वाले काम करवा रहे हैं. स्टूडेंट्स अपना पूरा का पूरा असाइनमेंट ChatGPT से करवा रहे हैं तो वहीं इंप्लॉइस भी बढ़िया कंटेंट के लिए AI कंटेंट जनरेटिंग टूल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं. हालांकि, इससे समय और मेहनत दोनों की ही बचत होती है. लेकिन इससे एक परेशानी भी है. AI कंटेंट जनरेटिंग टूल्स के इस्तेमाल से काम तो पूरे हो जा रहे हैं. लेकिन इससे इंसान का क्रिएटिव माइंड कहीं छुप जा रहा है. जिससे इंसान कि काबिलियत सामने नहीं आ पा रही है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ChatGPT से लिखे गए कंटेंट का पता लगाया जा सकता है? अगर हां, तो कैसे?

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ChatGPT दे रहा समाधान

जैसा कि आप जानते हैं ChatGPT हर समस्या का समाधान चुटकियों में दे देता है. ऐसे में इस समस्या का समाधान भी ChatGPT ही दे रहा है. जी हां, अब कई सारे AI टूल्स ऐसे हैं, जो कंटेंट को पहचान कर बता रहे हैं कि आखिर कंटेंट किसने लिखा है. कंटेंट के पीछे ChatGPT का दिमाग है या इंसान का.

कंटेंट पहचानने के ये AI टूल्स करें इस्तेमाल

AI टूल्स जैसे GPTZero, Sapling AI Detector, Copyleaks AI Content Detector, Originality.ai और Writer.com जैसे टूल्स कंटेंट को गहराई से जांचते हैं. जिसके बाद यह बता देते हैं कि कंटेंट के पीछे इंसान की मेहनत है या AI की. इसके लिए आपको बस इन AI प्लेटफॉर्म्स पर जाना है और अपने कंटेंट कॉपी कर वहां पेस्ट कर देना है. जिसके बाद जांच कर यह आपको बता देगा कि कंटेंट लिखने के लिए किसका दिमाग लगा है. ध्यान रहे कि इन प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करने के लिए आपको सब्सक्रिप्शन लेना पड़ सकता है. या फिर कभी-कभी आपको किसी इंसान के लिखे कंटेंट में भी AI से लिखा हुआ दिखा सकता है.

डेटा और फैक्ट्स भी जांचना जरूरी

कई बार AI ChatGPT गलत जानकारी भी दे देता है. ये बातें खुद ChatGPT के फाउंडर सैम ऑल्टमैन ने कही थी. ऐसे में ChatGPT द्वारा दिए गए कंटेंट पर पूरी तरह से भरोसा करना भी सही नहीं है. क्योंकि, कई बार यह फैक्ट्स को गलत तरीके से भी पेश कर देता है. ऐसे में इस तरह के कंटेंट को क्रॉस-चेक करना जरूरी है. इसके अलावा कंटेंट में प्लेजरिज्म चेक करना भी उतना ही जरूरी है. क्योंकि, AI कई बार किसी साइट में दी गई जानकारी को भी कॉपी कर दे देता है. ऐसे में प्लेजरिज्म जांचने के लिए Quetext, Turnitin और Grammarly टूल्स का इस्तेमाल कर सकते हैं.

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