Fake mParivahan App Scam: देशभर में एक नया साइबर स्कैम तेजी से फैल रहा है, जिसमें फर्जी mParivahan ऐप के जरिए लोगों को ठगा जा रहा है. सरकार ने इस पर साइबर अलर्ट जारी किया है और नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है.
कैसे हो रही ठगी? (Fake mParivahan App Scam Mode of Operation)
स्कैमर्स WhatsApp पर फर्जी ट्रैफिक चालान के मैसेज भेजते हैं.
मैसेज में APK फाइल डाउनलोड करने का लिंक होता है, जो असली ऐप की तरह दिखता है.
ऐप इंस्टॉल करते ही यूजर का मोबाइल हैक हो जाता है और बैंकिंग व निजी डेटा चोरी हो जाता है.
Telegram बॉट के जरिए वाहन मालिकों की जानकारी जुटाकर टारगेट किया जाता है.
पुलिस की कार्रवाई (Fake mParivahan App Scam Police Action)
केरल की कोच्चि साइबर क्राइम पुलिस ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. उनके मोबाइल से 2700 से अधिक वाहन मालिकों की जानकारी मिली है. एक नाबालिग ने इस फर्जी ऐप को डेवलप किया था.
बचाव के उपाय (Fake mParivahan App Scam Preventive Measures)
- केवल Google Play Store या Apple App Store से ही ऐप डाउनलोड करें.
- WhatsApp या SMS से आये किसी भी लिंक पर क्लिक न करें.
- फोन को नियमित रूप से रीस्टार्ट करें.
- किसी भी संदिग्ध ट्रांजैक्शन की तुरंत जानकारी बैंक को दें.
साइबर क्राइम की शिकायत cybercrime.gov.in पर करें या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें.
सरकारी ऐप की पहचान कैसे करें? (Fake mParivahan App Scam: How To Identify Official App)
- असली चालान नंबर में 19 अंक होते हैं, जबकि फर्जी में केवल 14 अंक.
- mParivahan ऐप कभी भी APK फाइल के रूप में नहीं आता, यह केवल आधिकारिक स्टोर पर उपलब्ध है.
फर्जी परिवहन ऐप स्कैम से बचने के लिए आपकी सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार है. सरकार और साइबर एजेंसियां लगातार कार्रवाई कर रही हैं, लेकिन आपकी जागरूकता ही आपको सुरक्षित रख सकती है.
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