एशिया की सबसे बड़ी खारे पानी की झील चिल्का में पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार अधिक प्रवासी पक्षी पहुंचे हैं. गंजाम, पुरी और खुर्दा जिले में फैली झील में 187 प्रजातियों के 11 लाख 37 हजार 759 पक्षियों की गणना की गयी है. इन पक्षियों में 108 प्रजातियों में से 10 लाख 98 हजार 813 प्रवासी पक्षी और 79 प्रजातियों में से 38 हजार 946 लैगून के निवासी थे. पिछली सर्दियों (2023) में 184 विभिन्न प्रजातियों के 11,31,929 पक्षियों ने झील में शरण ली थी. चिल्का वन्यजीव प्रभाग के संभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) अमलान नायक ने बताया कि प्रवासी पक्षियों की संख्या में वृद्धि के लिए वन्यजीव अधिकारियों द्वारा सुरक्षा के उपाय किये गये हैं. उन्होंने कहा कि इन सर्दियों में झील में अवैध शिकार का एक भी मामला सामने नहीं आया है. इस साल पायी जाने वाली सबसे प्रमुख प्रजातियों में नॉर्थ पिनटेल बत्तख (2,18,654), गडवाल (1,56,636), यूरेशियन विगियन (1,40,322), ब्लैक टेल्ड गॉडविट (66,853) और कॉमन कूट (66,552) शामिल हैं. कैस्पियन सागर, बैकाल झील, रूस के दूरदराज के हिस्सों, मध्य और दक्षिण पूर्व एशिया, लद्दाख और हिमालय सहित दूर-दराज के स्थानों से पंख वाले मेहमान हर सर्दियों में भोजन की तलाश में चिल्का झील में पहुंचते हैं. नायक ने कहा कि पिछली सर्दियों की तुलना में इन सर्दियों में विशाल झील में आने वाले पक्षियों की संख्या में कुछ हजार की वृद्धि हुई है. पांच जनवरी से चिल्का के सातपड़ा, रंभा, बालूगांव, टांगी और चिल्का रेंज में 21 टीमों ने पक्षियों की गणना शुरू की थी.
संबंधित खबर
और खबरें

