वाराणसी : आईआईटी-बीएचयू परिसर में बुधवार को तीन लोगों ने एक महिला छात्रा को जबरन निर्वस्त्र किया और उसके साथ छेड़छाड़ की. यह पहली घटना नहीं है. इससे दो दिन पहले भी एक छात्रा को इसी तरह की दरिंदगी का सामना करना पड़ा था. प्रॉक्टर कार्यालय को इसकी जानकारी थी. पुलिस सोमवार की घटना के बाद एलर्ट हो जाती तो बुधवार की घटना शायद न होती. अंग्रेजी अखबार ” इंडियन एक्सप्रेस ” द्वारा किए गए इस खुलासे के बाद स्थानीय प्रशासन खुद को इस मामले से अनभिज्ञ होने का दावा कर दिया है. अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार रात की घटना से प्रॉक्टर कार्यालय को इसके बारे में सूचित किया गया था.संस्थान के डीन ने इसकी पुष्टि की कि पिछली घटना के संबंध में प्रॉक्टर कार्यालय को एक शिकायत मिली थी और कार्रवाई की जा रही थी. आईआईटी-बीएचयू छात्र संसद के कई सदस्यों ने कहा, “पिछली घटना में कार्रवाई करने में देरी हुई थी”. दोनों घटनाएं परिसर में अपेक्षाकृत एकांत स्थान पर हुईं. बुधवार को हुई घटना के संबंध में छात्र समुदाय ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किया था, महिला छात्रा ने कहा था कि “तीन अज्ञात लोगों ने उसे जबरन चूमा, उसके कपड़े उतार दिए और तस्वीरें और वीडियो रिकॉर्ड किए”. उसने यह भी कहा था कि आरोपी द्वारा उसे जबरन ले जाने से पहले वह उस समय एक पुरुष मित्र के साथ थी. सोमवार के मामले में भी, महिला एक पुरुष मित्र के साथ थी, जिस पर कथित तौर पर हमला किया गया था. शुक्रवार को छात्र संसद के उपाध्यक्ष प्रणव किशोर ने अंग्रेजी अखबार को बताया कि “घटना से दो दिन पहले बुधवार रात 1.30 बजे उसी स्थान पर… घटना में चार लोग शामिल थे, जो दो वाहनों में आए थे. उन्होंने एक छात्र को पीटा और एक छात्रा को पीछे से छुआ. महिला मामले को बढ़ाना नहीं चाहती थी क्योंकि उसके माता-पिता सवाल उठाते. जिस छात्र की पिटाई की गई थी, उसने छात्र संसद के सदस्यों के साथ मिलकर मंगलवार को प्रॉक्टर कार्यालय में लिखित शिकायत दर्ज कराई.
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