Jharkhand News: गढ़वा जिले के रमकंडा प्रखंड में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र की हालत दयनीय है. महीनों से प्रखंड की 90 प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्र बंद है. इससे छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों को बुनियादी शिक्षा नहीं मिल रही है. वहीं, बच्चें कुपोषित हो रहे हैं. इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच, बच्चों का टीकाकरण सहित पोषित भोजन का लाभ नहीं मिल रहा है.
मनमानी ढंग से संचालित हो रही आंगनबाड़ी केंद्र
सोमवार को प्रखंड के आधा दर्जन आंगनबाड़ी केंद्रों की पड़ताल की गयी, तो पता चला लॉकडाउन के बाद से ही मनमाने ढंग से आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किये जा रहे हैं. केंद्र के बंद रहने से बच्चों ने भी आंगनबाड़ी केंद्र आना छोड़ दिया. ग्रामीण बताते हैं कि विभागीय अधिकारियों की सही तरीके से मॉनिटरिंग नही होने से ऐसी स्थिति बनी हुई है. लॉकडाउन से पहले इन केंद्रों में बच्चों को खिचड़ी, सूजी व रेडी टू इट फूड मिलता था. वहीं, बच्चों को बुनियादी शिक्षा से जोड़कर रखने में आंगनबाड़ी अहम भूमिका निभाता था. लेकिन, अब स्थिति बदल गयी है. सिर्फ टीकाकरण के लिए एक दिन आंगनबाड़ी केंद्र खोला जाता है. उल्लेखनीय है कि प्रखंड के हरहे, बिराजपुर, बलिगढ़, रकसी, चेटे, उदयपुर व रमकंडा पंचायत के अधीन 42 आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन किया जाता है.
केस स्टडी-दो
इसी तरह पटसर गांव का आंगनबाड़ी केंद्र बंद मिला. ग्रामीणों ने बताया कि सेविका सहायिका आंगनबाड़ी केंद्र नही आते हैं. कब खुलता है, और कब बंद होता है. उन्हें जानकारी तक नही है. वर्षों से इस आंगनबाड़ी केंद्र की यही स्थिति बनी हुई है. इसी तरह आंगनबाड़ी केंद्र उदयपुर एक भी दोपहर तक नही खुला. ग्रामीण लालपति देवी, सीमा देवी, रिंकी देवी, सुनीता देवी, पूजा देवी, किस्मतिया देवी आदि ने बताया कि यह केंद्र अक्सर बन्द रहता है. सिर्फ टीकाकरण के समय खुलता है. वहीं, बच्चों को सरकार की ओर से मिलने वाली किसी प्रकार की सुविधा नहीं मिल रही है. बताया की आंगनबाड़ी बंद रखने के मामले में ग्रामीणों ने पूर्व में बाल विकास परियोजना कार्यालय में शिकायत की थी. मामले की जांच के बाद स्थिति में सुधार हुआ. लेकिन कुछ दिनों बाद फिर से पहले जैसी स्थिति हो गयी.
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ऐसा कुछ नहीं है, केंद्र खुलता होगा : सीडीपीओ
आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहने के विषय में पूछे जाने पर प्रभारी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी सह रंका बीडीओ देवानंद कुमार ने कहा कि ऐसा कुछ नही है. केंद्र खुलता होगा. उन्होंने इतना कहकर फोन काट दिया.
रिपोर्ट : मुकेश तिवारी, रमकंडा, गढ़वा.
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