अभिषेक बनर्जी के साथ पार्टी के अन्य राज्यसभा और लोकसभा सांसद भी धरने पर बैठे. प्रदेश के कई मंत्री और संगठन के पदाधिकारी भी शामिल हैं.धरने में सांसद प्रसून बनर्जी, महुआ मोइत्रा, काकुली घोस दस्तीदार, पार्टी युवा अध्यक्ष सयाेनी घोष और अन्य लोग मौजूद हैं. पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने केंद्र पर बंगाल में 100 दिनों के काम,आवास और सड़क योजनाओं के लिए धन रोकने का आरोप लगाते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस को धमकाने-चमकाने से काम नहीं चलेगा. केंद्र सरकार को बंगाल के गरीबों की मेहनत व हक के रुपये देने ही होंगे. उन्होंने कहा पिछले दो साल की घटनाओं ने साबित कर दिया है, कि बंगाल की जनता का पैसा बलपूर्वक रोका गया है. बनर्जी ने यह भी शिकायत की कि राजनीतिक हितों के लिए बंगाल के लोगों को उसके हक से वंचित किया जा रहा है, क्योंकि भाजपा यह जान गयी है कि वे बंगाल में चुनाव कभी नहीं जीत सकेंगे.
तृणमूल नेता बाबुल सुप्रियो ने कहा कि जो भी राजनीतिक लड़ाई करनी है वो वह (भाजपा) करें लेकिन बंगाल का 100 दिन रोजगार का पैसा रोकना राजनीतिक लड़ाई नहीं हो सकती. यह देश के संविधान, संघीय ढांचे के खिलाफ है, ऐसा नहीं होना चाहिए.
दिल्ली पुलिस ने तृणमूल को लिखित अनुमति नहीं दी थी
हालांकि राजघाट पर धरना कार्यक्रम पूर्व नियोजित था, लेकिन दिल्ली पुलिस ने तृणमूल को लिखित अनुमति नहीं दी थी. पुलिस की इजाजत नहीं मिलने के बावजूद अभिषेक बनर्जी महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद शांतिपूर्ण तरीके से धरने पर बैठे है. राजघाट के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. पूरे इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. राजघाट पर पहले से ही पुलिस का कड़ा पहरा है. चूंकि सोमवार को गांधी जयंती थी, इसलिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य सुबह से ही गांधी जी को श्रद्धांजलि देने के लिए वहां पहुंच रहे है. ऊपर से वहां तृणमूल के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के कारण सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है.