दरअसल, जूही बारादेवी के रहने वाले राजेश मिश्रा का पीएनबी की निराला नगर शाखा में लॉकर है. इसमें उन्होंने अपने, पत्नी, बेटे और पौत्रों के जेवर रखे थे. राजेश के मुताबिक, जनवरी में उनके इकलौते बेटे का निधन हो गया था. इसके बाद पत्नी शकुंतला ने बेटे और पौत्र के जेवर लॉकर से वापस लाने के लिए कहा. राजेश पांच साल बाद लॉकर ऑपरेट करने बैंक पहुंचे. लॉकर में अलग से एक ताला लगाया था, जो लगा हुआ था. मगर, उसमें जंग लग गई थी. जैसे ही चाभी लगाई तो वह ऐसे खुल गया जैसे बंद ही न किया गया हो.
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बता दें कि राजेश मिश्रा पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है.जवान डॉक्टर बेटे की इसी साल सड़क हादसे में मौत हो गई थी. उन्होंने पत्नी, बेटे और नाती के जेवरात सहेज कर रखे थे कि मुसीबत के वक्त में काम आएंगे. पत्नी शकुंतला ने बताया कि बेटा डॉ. अपूर्व मिश्रा लखनऊ में मेदांता अस्पताल में ट्रेनिंग कर रहा था. 12 जनवरी 2022 को वह कानपुर आने के लिए निकला था. उसी दौरान शहीद पथ पर सड़क हादसे में उसकी मौत हो गई. बेटे की भी चेन व अन्य सामान लॉकर में रखा था. लगभग 15 लाख के जेवरात रखे थे.
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नाती को मुंडन में मिले थे जेवर
शकुंतला ने बताया कि उनकी बेटी श्रद्धा शुक्ला के बेटे मानित का मुंडन यहीं हुआ था. वह जेवरात भी लॉकर में रखे थे. शकुंतला की मां और सास ने भी कुछ जेवरात दिए थे जो उसी में रखे थे. शकुंतला के मुताबिक उनके मुसीबत के वक्त में यही जेवरात सहारा थे.
वही, शाखा प्रबंधक अमन का कहना है कि लॉकर में अतिरिक्त ताला लगा था. 2015 के बाद लॉकर पहली बार ऑपरेट किया गया था. राजेश को सलाह दी गई है कि घर पर भी चेक कर लें. जांच की जा रही है.
रिपोर्ट- आयुष तिवारी