आगरा. मां मुझे अपने साथ ले चलो, बाबूजी के साथ-साथ परिवार के सभी लोगों की बहुत याद आती है. अब बाल गृह में मन नहीं लगता है. पता नहीं मेरी पढ़ाई कब पूरी होगी और कब घर जाऊंगी. मुझे घर कब ले चलोगी ? यह सुनकर पालनहार मां ने कहा तुम्हें पढ़ने के लिए भेजा है. पढ़ाई पूरी होने पर अपने साथ ले जाऊंगी. अभी दो किताबें रह गई हैं. उनको और पढ़ लेना. बालिका भावुक हो रही थी तभी मां ने भी अपने आंसू छिपाते हुए कहा रोएगी तो मैं तुझसे मिलने नहीं आऊंगी. तब बेटी बोली मैं कभी नहीं रोऊंगी लेकिन मुझसे मिलने आते रहना. मन लगाकर पढ़ाई करूंगी. इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर जिला प्रोबेशन अधिकारी अजयपाल सिंह ने राजकीय बाल गृह में अपनी मौजूदगी में पालनहार मां की मुलाकात बालिका से कराई. वह 15 माह से बाल गृह में निरुद्ध है. हाईकोर्ट के आदेश पर डीपीओ ने हर मंगलवार को मुलाकात समय निर्धारित किया है.
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