इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के हॉस्टलों में जल्द होगा वॉशआउट की कार्रवाई, निगरानी के लिए गठित होगी टीम
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (University of Allahabad) अपने हॉस्टलों में वॉशआउट की कार्रवाई शुरू करने जा रहा है. चीफ प्रॉक्टर और पुलिस प्रशासन के बीच हुई बैठक में तय हुआ कि इस बाबत जल्द ही एक कार्ययोजना तैयार कर अभियान चलाया जाएगा.
By Sandeep kumar | December 16, 2023 1:03 PM
प्रयागराज में स्थित इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (University of Allahabad) अपने हॉस्टलों में वॉशआउट की कार्रवाई शुरू करने जा रहा है. चीफ प्रॉक्टर और पुलिस प्रशासन के बीच गुरुवार को हुई बैठक में तय हुआ कि इस बाबत जल्द ही एक कार्ययोजना तैयार कर अभियान चलाया जाएगा. चीफ प्रॉक्टर ने हॉस्टलों के अधीक्षकों के साथ भी बैठक की और वॉशआउट के बाद हॉस्टलों में नियमित निगरानी के लिए टीम गठित करने का निर्णय लिया. पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर कर्नलगंज इंस्पेक्टर बृजेश सिंह और उनके सहयोगियों ने चीफ प्रॉक्टर डॉ. राकेश सिंह के साथ हुई बैठक में पुलिस प्रशासन की ओर से छात्रावासों की अनुशासन व्यवस्था सुधारने के लिए पूरा सहयोग देने के लिए आश्वस्त किया गया.
बैठक में तय हुआ कि जल्द ही एक कार्ययोजना तैयार कर हॉस्टलों में वॉशआउट की कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद चीफ प्रॉक्टर की अध्यक्षता में हॉस्टल के अधीक्षकों के साथ हुई बैठक में तय हुआ कि वॉशआउट के बाद हॉस्टलों से जुड़े सभी शिक्षकों, प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों, डीएसडब्ल्यू कार्यालय से संबद्ध शिक्षकों और स्थानीय पुलिस थाना/चौकी के एक टीम बनाई जाएगी, जो समय-समय पर छात्रावासों में जाकर अनुशासन व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करेगी. साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि किसी छात्र के नाम आवंटित कमरे में कोई दूसरा व्यक्ति रह रहा है और छात्र की ओर से इस आशय की कोई शिकायत अधीक्षक को नहीं दी गई है तो संबंधित अंत:वासी को भी दोषी माना जाएगा और उसका पंजीकरण/प्रवेश तत्काल निरस्त कर दिया जाएगा. छात्रावास में बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रजिस्टर में उसकी पूरी जानकारी दर्ज की जाएगी और रात 8.00 बजे के बाद किसी भी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. छात्रावास में अंत:वासी या बाहरी व्यक्ति के चार पहिया वाहनों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी. छात्रावासों के मेन गेट पर शक्तिशाली सीसीटीवी कैमरे लगवाने और इसका एक्सेस आईटी सेल के साथ छात्रावास को भी उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया. यह भी तय हुआ कि हॉस्टलों में तीन साल से अधिक समय से निरंतर कार्यरत कार्यालय सहायकों को स्थानांतरित किया जाएगा.