आजादी का अमृत महोत्सव : क्रांतिकारी सुनीति चौधरी का जन्म 22 मई ,1917 को बंगाल के कोमिला सब – डिविजन में एक मध्यम वर्गीय बंगाली परिवार में हुआ था .1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन अपने जोरों पर था .आंदोलनकारियों पर पुलिस की क्रूरता को देख कर सुनीति के मन में उनसे बदला लेने की भावना प्रबल होने लगी .इसके बाद वह आंदोलनों में हिस्सा लेने लगीं .वह डिस्ट्रिक्ट वालंटियर कॉर्पस की मेजर बनीं .जब नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने विद्यार्थी संगठन को संबोधित करने के लिए शहर का दौरा किया ,तब सुनीति ने लड़कियों की परेड का नेतृत्व किया . उसी दौरान प्रफुल्ल नलिनी ,शांति मारने के लिए सुधा घोष और सुनीति चौधरी ने आजादी की लड़ाई में लड़कियों को लड़कों के बराबर जिम्मेदारी देने की मांग की .कुछ वरिष्ठ नेताओं के संदेह जताने पर सुनीति ने इसका विरोध किया .
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