आजादी का अमृत महोत्सव: आजादी के आंदोलन में मोकामा निवासी उपेंद्र शर्मा के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. उन्होंने लोकनायक जयप्रकाश नारायण (जेपी) के साथ भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया था. उनके पुत्र जमशेदपुर के सीएच एरिया निवासी और टाटा स्टील से चीफ (मैन्युफैक्चरिंग) के पद से सेवानिवृत्त ज्ञान रत्न बताते हैं कि उक्त आंदोलन के दौरान जयप्रकाश नारायण के साथ बाबूजी 14 महीने फुलवारीशरीफ (पटना) जेल में रहे. जेपी के संपर्क में रहकर उन्होंने आजादी के महत्व को जाना. जेल से ही वे जेपी के संदेश को लिखकर बाहर भेजते थे. दिनभर प्लानिंग बनती थी. रात में उसे लिखकर बाहर भेजा जाता था. यह जिम्मा बाबूजी पर था. यह सब इतना गुपचुप तरीके से होता था कि जेलर को तनिक भी भनक नहीं लगती थी. जेल में ही बाबूजी को डायरी लिखने की आदत पड़ी.
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