Banarasi Sarees: वाराणसी साड़ी, जिसे बनारसी साड़ी भी कहते हैं, भारत के सबसे प्रसिद्ध साड़ी में से एक है. वाराणसी साड़ी की खासियत यह है कि इसमें भारतीय कला, शिल्पकला और शिल्पकारी कौशल का अद्वितीय संगम होता है.
काशी की मशहूर बनारसी साड़ियां इन दिनों खास प्रकार की बनी अपने खूबसूरत डिजाइन से ग्राहकों को आकर्षित कर रहीं हैं.
प्रमुख आयोजनों पर पहनी जाने वाली बनारसी साड़ियां देश के साथ-साथ विश्व में भी काफी मशहूर हैं. यह लोगों के प्रमुख आयोजन को खास बनाने और उनकी शान बढ़ाने के लिए जानी जाती हैं.
अब बनारसी साड़ियों पर बनारस के घाट और मंदिर की डिजाइन के साथ काशी की संस्कृतिक झलक भी देखने को मिलेगी.
इन बनारसी हैंडलूम साड़ियों पर काशी के घाटों, मंदिरों गंगा, बोटिंग, नंदी और त्रिशूल को रेशम के चमकीले धागों से बेहद खूबसूरती के साथ डिजाइन किया गया है, जिसकी अब देश दुनिया में काफी मांग है.
साड़ी के करीब साढ़े 5 मीटर के बॉर्डर पर ही इन्हें उकेरा गया है. यह खास प्रकार की बनारसी साड़ियां अपने खूबसूरत डिजाइन से ग्राहकों को आकर्षित कर रहीं हैं. अपनी आकर्षक डिजाइन के कारण इन दिनों दिन बनारसी साड़ियों की मांग देश के अलग-अलग राज्यों में बढ़ती जा रही है.
साड़ियों में बने बनारस के घाट और मंदिर के डिजाइन इन बनारसी साड़ियों को और भी खूबसूरत बना रहें हैं. इन दिनों खास तौर पर शहर के साथ-साथ देश के दूसरे राज्यों से भी इन साड़ियों की मांग अधिक देखी जा रहीं हैं.
बनारसी साड़ियां खास प्रकार के रेशम के धागों से तैयार की जाती है. बाजार में 7से 8 हज़ार से शुरू होकर 20-25 हजार तक बनारसी साड़ियां उपलब्ध है. फिलहाल इस तरह की खास डिजाइन की बनारसी साड़ियों के माध्यम से बनारस की संस्कृति को देश दुनिया तक पहुंचाया जा रहा है.
चाईबासा के लिए रवाना हुए राहुल गांधी, आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में आज होगा बड़ा फैसला
Shibu Soren Funeral PHOTOS: पिता को अंतिम विदाई देते हुए फफक पड़े सीएम हेमंत सोरेन, देखिए रुला देने वाली वो 10 तस्वीरें
शिक्षा मंत्री की हालत नाजुक, विश्व आदिवासी दिवस पर होने वाला कार्यक्रम स्थगित
शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि देने उमड़ा जनसैलाब, नेमरा से बरलंगा तक 10 किमी से लंबा जाम, VIP भी फंसे