Bengal Chunav 2021: उर्दू की एक शेर है- ‘सियासत हो जाए जज्बाती, ऐसा कहां दस्तूर है… मगर देखा है खुराफाती, इतना जरूर है.’ आज के दौर में सियासत में जज्बात की जगह खुराफात (उत्पात) ज्यादा दिखता है. शायद राजनीति में बिकता भी बहुत है. आई-कैचिंग एक्सपीरिएंस देखनी हो तो पश्चिम बंगाल का रूख करिए. हर तरफ स्टेज-मैनेज्ड खुराफात जारी है. सीएम ममता बनर्जी की चोट भी कहीं ना कहीं सवालों के घेरे में है. पश्चिम बंगाल की सड़कों पर अपनी ‘चोट’ दिखाती फिर रहीं सीएम ममता बनर्जी के लिए ‘ये दाग अच्छे हैं’ की जगह ‘ये चोट अच्छे हैं’ का तर्जुमा बिल्कुल फिट बैठता है. तो, क्या 10 मार्च के बाद ममता बनर्जी के लिए ‘चोट’ दिखानी मजबूरी बन चुकी है?
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