कॉलेज के विद्यार्थियों में मानवीय मूल्यों को विकसित करने के लिये यह नया प्रयोग किया गया है. नये पाठ्यक्रम से छात्रों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों के लिए यूजीसी के वर्किंग ग्रुप ने एक ड्राफ्ट तैयार किया है. ड्राफ्ट के अनुसार, शिक्षक छात्रों को दया, करुणा, स्नेह और आध्यात्म का पाठ पढ़ायेंगे. पाठकों को गौतम बुद्ध और ईसा मसीह के उदाहरणों के जरिये प्रेरक शिक्षा दी जायेगी.
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इसमें धार्मिक शिक्षा की आवश्यकता का भी उल्लेख किया गया है. पाठ्यक्रम में धर्म को उचित व्यवहार के रूप में परिभाषित किया गया है. नैतिक व्यवहार, अच्छे कर्म करना, अच्छी जीवनशैली के टिप्स सिखाये जायेंगे. इसके साथ ही पाठ्यक्रम में बलिदान, अहिंसा, शांति और सेवा जैसे गुणों को भी शामिल किया गया है. इसके साथ ही छात्रों की संवाद कला बढ़ाने के लिए ‘डिजिटल साक्षरता’ पर जोर दिया गया है.
उन्हें सोशल मीडिया का प्रभावी उपयोग भी सिखाया जायेगा. ‘डिजिटल साक्षरता’ के मामले में, डेटा-सुरक्षा और नकली डेटा से निपटने जैसे विषयों का भी अध्यन करवाया जायेगा. इसमें इंटरनेट, सोशल मीडिया के उपयोग के बारे में भी सिखाया जायेगा. इसके साथ ही डिजिटल मार्केटिंग तकनीक सिखायी जायेगी. पेशेवर प्रशिक्षण के मामले में, साक्षात्कार और प्रस्तुति के कौशल को बढ़ाने की तकनीक के साथ सामाजिक शिष्टाचार भी विद्यार्थियों को सिखाया जायेगा. यूजीसी के इस नये प्रयास की शिक्षाविदों ने सराहना की है.
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Posted By- Aditi Singh